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२—जयपुरनिवासी सम्राट् जगन्नाथ—इनके ग्रंथ रेखागणित, सिद्धांतसम्राट् और सिद्धांतकौस्तुभ हैं।
३—जगन्नाथ तर्कपंचानन—इनका ग्रंथ विवादभंगार्णव है।
४-जगन्नाथ मैथिल—इनका ग्रंथ अतंद्रचंद्रिक नाटक है।
५—श्रीनिवास के पुत्र जगन्नाथ पंडित—इनका ग्रंथ अनंगविजय भाण है।
६—जगन्नाथ मिश्र—इनका ग्रंथ सभातरंग है।
७—जगन्नाथ सरस्वती—इनका ग्रंथ अद्वैतामृत है।
८—जगन्नाथ सूरि—इनका ग्रंथ समुदाय प्रकरण है।
९—जगन्नाथ—इनका ग्रंथ शरभगजविलास है।
१०—नारायण दैवज्ञ के पुत्र जगन्नाथ—इनका ग्रंथ ज्ञानविलास है।
११—जगन्नाथ—इनका ग्रंथ अनुभोगकल्पतरु है।[१]
वैशाखवदि द्वितीया शनिवार | पुरुषोत्तमशर्मा चतुर्वेदी। जयपुर |
संवत् १९८५ ७ एप्रिल सन् १९२८ |
- ↑ इस प्रकरण में जिन विद्वानों से साक्षात् अथवा उनके पुस्तकादि के द्वारा सहायता प्राप्त हुई है, उनका, और विशेषतः काव्यमाला-संपादक का, लेखक हृदय से कृतज्ञ है।