पृष्ठ:हिंदी भाषा.djvu/२४७

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२४६ हिंदी साहित्य वीरगाथाओं के इस युग के दो प्रधान कवि भूपण और लाल ही माने जाते हैं; परंतु सूदन के सुजानचरित्र में भी वीररस की अच्छी झलक मिलती है। सूदन ने अपने आश्रयदाता सूरजमल का चरित्र फड़कती हुई भाषा में लिखा है। सूरजमल ने संवत् १८०२ के लगभग मेवाड़ जीता था और १८०४ में तत्कालीन जयपुर-नरेश की सहायता से मराठों पर विजय पाई थी। यही नहीं, उसने दिल्ली के मुगल सम्राट से भी युद्ध किया था और कई बार उसने मुगल सरदारों को पराजित किया था। सूरजमल के इसी घीरचरित का वर्णन सुजानचरित्र में मिलता है। यद्यपि इस पुस्तक में वीररस का अच्छा परिपाक हुआ है, पर इसके मूल में जातीयता की यह चेतना नहीं देख पड़ती जो भूपण और लाल की रचनाओं में मिलती है। यद्यपि इसका नायक सूरजमल ऐतिहासिक व्यक्ति है, पर राष्ट्रोन्नति के कार्य में उससे कोई विशेष सहा- यता नहीं मिली थी। इसी प्रकार प्रसिद्ध शृंगारी कवि पद्माकर की हिम्मतवहादु-विरदावली नामक वीर रस की प्रसिद्ध पुस्तक भी इसी काल में लिखी गई थी; पर उसके नायक हिम्मतवहादुर नामक व्यक्ति अवध के तत्कालीन पादशाह के यहां नौकर थे और उनका कुछ भी ऐतिहासिक महत्त्व नहीं है। चंद्रशेखर बाजपेयी नामक कवि ने संवत् १८६० के लगभग हम्मीरहठ नामक एक घीरगाथा लिखी और यह अवश्य उल्लेखनीय है। उसके नायक हम्मीरदेव प्रसिद्ध क्षत्रिय नपति थे जिन्होंने कितनी ही बार मुसलिम शासन को उखाड़ फेंकने का प्रयत्न किया था और जो हिंदुत्व की रक्षा में जी-जान से लगे रहते थे। हम्मीर- हठ में यद्यपि उन नवीन उभावनाओं की कमी है जो प्रतिभाशाली कवियों की कृतियों में होती हैं, परंतु प्रौढ़ भाषा में लिखे हुए इस चीर- काव्य का महत्व अन्य दृष्टियों से बहुत अधिक है। "तिरिया तेल हमीर- हठ चढ़े न दूजी पारे" वाली प्रसिद्ध पंक्ति के रचयिता चंद्रशेखर का हम्मीरहट अवश्य इस युग की वीरगाथाओं में उध स्थान का अधिकारी है। इस काल में अनेक वीरगाथाएँ लिखी गई थीं, जिनमें से मुख्य मुख्य कृतियों का उल्लेख ऊपर कर दिया गया है। अन्य साधारण कृतियों का विवरण यहां नहीं दिया जा सकता। अंत में हम एक बार फिर यह कह देना आवश्यक समझते हैं कि इस युग के अनेक वीरगाथा- कारों में भूपण और लाल ही सर्वश्रेष्ठ हैं। महाकवि भूपण का रचनाकाल विक्रम की अठारहवीं शताब्दी का मध्य भाग माना जाता है। यद्यपि इनके जन्म और रचनाकाल के संबंध में कुछ लोगों ने अनुसंधान करने की चेष्टा को है, परंतु उनकी खोज