बात के लिये चढ़ाई करने आया होगा। उसको हमला करने
दो और आने दो।" जब ओशियो किले में दाखिल हुमा
तब वह सरदार इस मस्त जनरल को पकड़कर बादशाह के पास
उस वक्त ओशियो ने कहा-वे राजभांडार, जो
अनाज से भरे हुए हैं, गरीबों की मदद के लिये क्यों नहीं
खोल दिए जाते ?
जापान के राजा को डर सा लगा। एक वीर उसके
सामने खड़ा था, जिसकी आवाज में दैवी शक्ति थी। हुक्म
हुआ कि शाही भांडार खोल दिए जायें और सारा अन्न दरिद्र
किसानों को बाँटा जाय । सब सेना और पुलिस धरी की
धरी रह गई । मंत्रियों के दफर लगे के लगे रहे। प्रोशियो
ने जिस काम पर कमर बाँधो उसको कर दिखाया। लोगों
की विपत्ति कुछ दिनों के लिये दूर हो गई। प्रोशियो के हृदय
की सफाई, सचाई और दृढ़ता के सामने भला कौन ठहर
सकता था ? सत्य की सदा जीत होती है। यह भी
वीरता का एक चिह्न है। रूस के जार ने सब लोगों को फाँसी
दे दी। किंतु टाल्सटाय को वह दिल से प्रणाम करता था;
उनकी बातों का आदर करता था। जय वहीं होती है जहाँ
कि पवित्रता और प्रेम है। दुनिया किसी कूड़े के ढेर पर
नहीं खड़ी है कि जिस मुर्ग ने बाँग दी वही सिद्ध हो
गया। दुनिया धर्म और अटल आध्यात्मिक नियमों पर खड़ी
है। जो अपने आपको उन नियमों के साथ अभिन्नता करके