मैदान हरे भरे दिखाई देते हैं।पानी के नित्य प्रवाह से नर्मदा
नदी के काटे हुए जो संगमर्मर के बड़े बड़े पर्वत और पत्थर जबलपुर जिले में भेड़ाघाट के पास खड़े हैं उनसे अद्वितीय दृश्य और प्रकृति की कार्य-कुशलता का परिचय मिलता है।
महानदी का दर्शन तथा विस्तीर्ण सरोवर का अवलोकन थके हुए पांथ को विश्राम देता है। जलाशय में अवगाहन अत्यंत श्रमहारक और तापनिवारक है। जलागार के सुख का वर्णन महाकवि कालिदास ने बहुत ही मनोहर किया है-
सुभगसलिलावगाहाः पाटलसंसर्ग-सुरभि-वनवाताः।
प्रच्छाय सुलभनिद्रां दिवसा: परिणामरमणीयाः ।।
भाव-सुंदर, स्वच्छ और गहरे जलाशय में मनमाना डूब डूबकर नहाना सुख देता है। वनोपवनों में से पाटल पुष्पों की सुगंधि से भरी मंद, शीतल पवन आनंद देती है। गहरी छाया में नींद तुरंत आ जाती है और सार्यकाल का समय नितांत रमणीय होता है। ऐसे ग्रीष्म काल के दिन होते हैं।
समुद्रयात्रा करनेवालों को समुद्र बड़ा प्रिय मालूम होता
आकाश की अपेक्षा समुद्र अधिक स्वाधीन और ऐश्वर्य-
शाली है। समुद्र का किनारा अनंत जीवों से तथा वनस्पति
से भरा होता है। उनमें से कितने ही प्राणी ज्वारभाटे की
राह देखते रहते हैं और कितने ही ऐसे होते हैं जिन्हें समुद्र
की लहरों ने समुद्र से बाहर जोर से निकालकर फेंक दिया
है। समुद्र-तंट पर खड़े रहने से समुद्र के निकट रहनेवाले