पृष्ठ:हिंदी कोविद रत्नमाला भाग 1.djvu/९८

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ITIN 1111 vi har 33 111 करते थे। हा पागोपोर गिर गा... मेनी मया। 1 *' *fürne 71 1 (१८) पंडित केशवराम भट्ट । डित केशवराम भह महाराष्ट्रीय ग्रामव पूर्वज बहुत दिनों से विहार में रहने लगे थे। इनका मास्पद 'पाठक' था परंतु पर ग्राह्मण मात्र को लोग भE कहते हैं इसी उनकी फुल परमरा उपाधि हो गई। उनो एक धनपान पर प्रतिष्ठित पुरुष थे, ये महाजनो का पंडित केशवराम का जन्म मादियन रुष्ण पंचमी संगर हुमा था। इनके जन्म होने के छः महीने पहिले होइन ।' परलोक पास हो गया था। परंतुरनके यो मा परितमा भा होशियार थे। उन्होंने पर का काम संभाला को। शिप्रबंधाया। इनकी माता स्थ शिक्षिता मोरधि पो मतपय प्रारंभ में उन्होंने मनोचित शिशायो TUAL पर सदन महामनी और हिंदी पो और किर " में पकी योग्यता प्रा करने के पश्चात् इहोंने intsो ! भारतकियागन १८२० में इतने बिहार पानामपि4

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