पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/८८

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मेवमा पोजी-नागौर निवासी स. 1970 क बम के भाभयदाता अबू मरेश स. ७ मगमग वनमाल लालजी के पुत्र विके जगमा पर्तमान । 20 (--) (-1) मापुर कायम जोगराम-१० १२५ के लगभग पर्वमानयह भारत(प-100) दुबेशकरके हमेपासे साघु मान पड़ते हैं। परसी मेहता की० (-09) गोग रामायदे (प-१५) भेम्स रेफन साथ-स०१४ लगमग यस मोगरामायण---प्रामराम त नि का भान ये बनारस में सर पे पास पिके 17,लि. स.वि. राम का प्राप्रपाता।वे.(-10) राजतिलक भीर बनवास पन। 14-14) जैरि-परिपामा निकासी, स० १६० के लग मोगलीला-कवि सबप (उपमाप त्रिवेदी) मग वर्तमान परिपाला रोग महाराज पृप्पी तालिकासविणका पोगी पालसिंहमाभिव के पेट में समा से मिसन । ३० (-1) सुरवरव०(ब-१७) मोगलीला--मारास टाविक रुप्प का योगी जैन दापली-दापन निकास केश में रापा के पास जाना। (प- वि०पिंगल पणेन । दे० (क-२१७) २००सी) मैमिनि मम्वमेघ-साम कपिला निका० स० भोगनाप कपा-माद्यमाप कता (या पायाने १८१६ लिन० स०१ वि० युधिष्ठिर प्रापमाघ मास )लिकासमवि प्रथमेष यायवर्सन । दे० (41) सामाथ का पडिपो से पुर पएन । दे मिनि की कथा-पराप त मि० का०स० (अ-२२१) जि० ०.१८ मिनि मारिन वरणासह (पसन) त निक अश्वमेघ का मारा पयानुसार देव (2010) का Hat-siलि.का पु० वि० जैमिनि राण-पीतांबर कय का नि0 ame कृपणीसा बर्णना २० (ब-JE पब) स.१८०हि०सं०१८२९ यि० मिनि मान भली-मपोपा महरा, रामानुज सहाय पुपक्ष का मापानुपार । २०(४६) के सबी समायके वैष्णाप थे। जैमिनिपुराण-रामप्रसाद , मि० का स. बिमारी पक्षाची दे० (-101) 1, लि का० स० वि० मिनि ज्ञान को पकरण--तुसोवास गोसामी फया लिन पुराण का मानुषा 1 ० (-२५४५) काम-१६५-विमरन का वर्णमा- मसिंर पकाश-प्रतापसाहि कमि कास १२५ सी) १२. लि १० स. १८४४, यि राजपूतामे | शाम-गुदरी-वारदास सिलहान । दे०

  • राजा जयसिंह की प्रासादे०१५-६१) (अ-२४५ भार)

भोगीत-उप० matte, देव गीति मान-चूर्णिका-ममोहरवास (मिरजनी ) रता