पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/७३

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[ ४० ] स. १६८०, वि० मेवाड की रानी पद्मावती | बाल करि-ब्रह्म भट घशीय सेवाराम के पुत्र की रक्षा में गोरा बादस का युद्ध वर्णन । दे० वृदावन (मथुरा) निवासी, सं० १८७६ के लग. (ख-४८) भग वर्तमान, महाराज जसवनसिंह व स्वामी गोरेलाल (पुरोहित -उप० लाल कवि, सं० लहनासिंह के याथिन । (ज-प०३-३) १७७२ के लगभग वर्तमान, पन्ना नरेश महाराज रसिकानद दे० (क-२) छत्रसाल के प्राश्रित मऊ निवासी । यमुना नहरी दे० (-) मग्वै दे० (छ-४३७) रमरग दे० (च-11) छत्र प्रकाश दे० (छ-५३ यी) शाकार दे० (च-१२) राजविनोद दे० (छ-४३ सी) कृष्ण ज को नवशिध दे० (ब----8) गोविंदगिरि-विष्णु गरि के गुरु । दे०(ग-१०६) हम्मीर १० दे० (च-3) गोविंदचद्रिका-इच्छाराम कन, नि० का० सं० भक्त भावन दे० (च-१४) १८४७, लि. का. स. १६३१, वि० दशम दूपण दपंण दे० (ज-१०२) स्कध भागवत का भाषानुवाद और एकादशी गोपी परोसी दे० (न-६०) माहात्म्य वर्णन । दे० (क-२६३ र) ग्वाल पहेली-पालकृष्ण नायक कृत, लि० का०सं० गोविंदसिंह गुरु-सिक्वों के दस और अंतिम १८१४, वि० पहेलियों का संग्रह। दे० (छ-६बी) गुरु: जन्म का० स० १७२३ 1 ग्वाल पहेली लीना-चालकृष्ण चौधे कृत, वि० चही-चरित्र दे० (घ-५) कृष्ण का ग्वालों से पहेली पूछने का वर्णन । गोविंदानंदघन-अलि रसिक गोविंद कृत, नि० दे० (छ-१०० एला) का० सं० १८५८, वि० अलकार । दे०(छ-१२२५) घनानंद-उप० पानधन, दे० "प्रानंदधन" गोष्ठी गोरख कबीर की-कबीरदास कृत, वि० (क-७६) (छ-१२५) (घ-६६) गोरखनाथ का संवाद । दे० (ज-१४३ पी) घनानंद कवित्त-घनानद (आनंद घन) कृता गोष्ठी दरिया साहव व गनेश पंडित-दरिया वि० राधाकृष्ण लीला और गार के कवित्त । साहब कृत, लि० का० सं० १६४६, वि० दरिया दे० (फ-७६) - साहब और गणेश पडित का ब्रह्म विषयक | धनराम-स० १७५७ के लगभग वर्तमान; ये संवाद । दे० (ज-५५ जी) जाति के कायस्थ; मोडछा नरेश राजा उदोत- गौरी घाई की महिमा-सुन्दरसिंह कृत, वि० सिंह के आश्रित थे। गौरी वाई की महिमा । दे० (ड-७४) लीलापही दे० (छ-३५) गौरीराय-गुलाबसिंह के पिता। दे० (ज-७४) घनश्याम---इनके विषय में कुछ भी मात नहीं। ग्रीष्म-विहार-महाराज लावतसिंह (नागरी जाति के नामण त्रिवेदी थे। दास) कृत, वि० कृष्णलीला ।दे० (ख-१२१नौ) मामस पर प्रश्नावली दे० (ज-६०)