पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/४६

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भानंदलहरी-शवगिरि हत, वि. दुर्गा की | मामा मारत–नवलटिह (प्रधान) कत, नि. पदमा । २०१४-१४) फा० स०१६ लि.का००१२, दि० मानंदनिखास-संपतसिंह का लि. का. भारत के गुर का वर्णन । ३० (4- मा) स० १०२४, बि० पेदांत भतिवाद । २०(ब-भाना रामायण-मपलसिंह (प्रपान), निक 01) () का-सं० १६२२ सि० का० स० १४२, दिक भानंदाम्यनिषि-महाराज रघुरामसिंह हता रामायण का माहा श्री में अनुवाद । निस-मागयत का माया नुवाद । ३० (५-७) मागासिंह-परियामा मरेश सर के जग भादरिलास 1-पवा देवीसिंहकता लिएका मग पर्वमान, कषि संद्रशेखर के भाभयदाता। स.१00 विग्रह । १० (६-२८बी) भारण्यकार रामरसायन-पनाकर भकता प्राप्तकरण-मूवच जोगी कबराम जोपपुर बैंसिल के मेम्बर है। दे० (ग-३५) लिकासवि० वामीकीय भार एयर का माषानुवाद 120 (-३) इंद्रनीवसिंह-प्रोडया वेसखार) नण राग भारती-जीवास छठा वि. गुरु की भारती मधुकर शाह के कनिष्ठ पुत्र भाषदास कवि ग्तारमेकी पति(ब-१४३ पप) राज के माभयहरवा (क-२) (-1) - मारामा-यह परिसी काणी-निवासी और मनिपार इनकी गुरु-मार से सेवा करत द्रमाण-कषि श्यामराम के पिता। दे० (ग-10) ३० (-४) इंदामदी-ऋषि प्राणनाथ की पत्नी स० १०० भाखमकवि-स०१७ सगमग वतमान, कलगमा वर्तमान, पहदम्पतियामी (प्रासामी) पदव हिंदू पेपर मुसलमान श्री पर जिसका संप्रदाय के भाचार्य पमा (मम्प माप्त) में मामालपा, मासकहोने कारण मुसलमान पते । हो गए, मामाह मोएगबर पुत्र मुभचम परासी(3-२९) माभित ये पश्चात् पाएमाह के पास पहे। इंसास-भूरमुहम्मर कत, मि० का स१EST भासविदे० (-३) शिका० स० १६५ बि राडा कुमार और पात्रम गरि कविता दे० (-३) रानीवापाठी की कथा। दे०(ग-106) मापरसक कामबारे (र-8) दयाराम-लचनपुर (मपप) निबासी, स. मालय करिकी मिठा--मालम कविता १२ मगमग वर्तमान। वि-विविध विषयो रकम ३०(-1) भाष पेमारी (-१९१५) पाचमलि-मालम कवि रहिकर० स० थानिकोप २.(ब-१२॥ी) वि०मारणसीतारा.(प-३३) इशाराम-आह्मण, रामानुस सप्रवापरण