पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/२०४

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i ist) श्याम साई-महवास कम, यि रोनास में रम्पत प्रा०(१-२३८) हायिका की सगाई का परम। दे. श्रीपाल रासा-महाराप मल निका. स. (ख-२०१३) ११३० वि० सम्म के राजापुहानामाना सामसरन (मस्मोगी) -रामचरम दासके भांप को पक० (क-१४) शिप्प और निरयामर के गुपये। दे० (-) भीम-मृवावन निवासी स० १६० के लग । रामसिंह (स्यामसिंह) ममियारसिंह के पिता) फारी निवासी स.१८४३ पूर्य पर्सान । भग असमान, ऐपवय, निमाविष्य के शिष्य और परशुराम के गुरु थे। २०(-४) भवणास्पान--सपतिराम निका- चगन सत्र दे० (-1) (१-१७) RRU, शिo माता पिता की मकि का वर्णन । दे० (-५२) भीयायो-उप० यादी, मोहनदास के पिता भीगोविय-स१० वगमा पर्वमान, बाटि के कायस्परसपानीमसार) निवासी सरयू ब्रस गोपालपुर राजा कृषिशार सं० १५७ के पूर्व पर्वमान थे।-(-) केमाभित थे। मीराम -इनके विषय में कुछ मीत नहीं। विचार तरंग दे० (-1004) पर मैगी ३० (-१) पशि० (-100) भीमायी रा दहा-पजा मानसिंह का वि० श्रीलाबाद विकास-२० मालमुकर पिलाता। जलपरनाथ की स्तुति। (ग-६० भीनिवास-नके पिपय में कुछ मी जात मही1 भीमरस्तपन के पटा को भएफ-प्रठाए कपि भाषी साबमाम दे०(6-110) या लि का 18 वि०पीबासाप भीपति (मिभ)-मावि के ग्राह्मण प्रसपी कायमों का वर्णना २० (-४२पी) (बाहीम) TRAIE १७ गभग पटम्म करित-सेनापति कमि Pa, कि वठेमान थे। शशुभ कामना ३० (-) काम्प तरोत्र (-०४५) पश्यतु वर्णन-रामनारायण कत, कि भूपराध-(- th) श्रसमौकायन विज-२५२) मिोर बाप्प मरोर (-10 सी) परश्चनु पर्णन-सरसार कता हि प्रमों श्रीपधिपाह-सं० १७६१ रे लगमा वठेमामा अपना(0-२३सी) सावि के गुणपती मौसीच्य माण ताहा पट पैचाशिका-पापम कसा लि. प.स. बाद के नया सैयद हिम्मतकों के पाभित विध क्योतिष । ०/-) पारण औरगजेब समकालीन थे। घट मदर्शिनी निर्णय-मनोहरदास निरंजनी