पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/२०१

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--सं० [१६] सिदि सागर तंत्र दे० (ज-२६३ १) गत परवाना दे० (ज-२४४ डी) शिव प्रकाश दे० (ज-२६३ धी) सत पदेश दे० (ज--६४) शिवदानसिंह–सं० १८७६ के लगभग वर्तमान, शिव प्रकाश---शियायाल शन; नि० का० सं० मंगल मिथ के श्राश्रयदाता, ये कोई राजकुमार 810 लि0 का० सं० ११५०, वि० यद्यक। थे। दे० (अ-१८) दे० (ज-२४३ यी) जाति शिवदास-सं० १७५७ के लगभग वर्तमान; प्रक- शिवप्रसाद (राय)---दनिया निवासी घरपुर (कानपुर) निवासी; दतिया नरेश राजा के कायम्फ दतिया नरेश गजा परीक्षित की दलपतिराव के श्राथित थे। भोर से बांदा में यकील और सं० १८६४ के शालिदोन दे० (च-१०ः) नगमग धर्नमान थे। शिवदास (राय)-जयपुर निवासी जाति के भाट रम भूषगा दे० (छ-१०६) थे, इनके विषय में और कुछ भी शात नही । शिवम साद (गजा)- १८८० से सं० लोकोक्ति दे० (ज-२४१) १६५२ तक यनंमान; बीवी रत कुँवरि के पौत्र थे। दे० (ज-२६७) शिवनाथ--नरहरि महापात्र के घंशज, सं० १२ के लगभग पर्तमान, रीबॉनरेश महा- | शिवमसाद--जाति के घायण; राजाराम के पुत्र, राज जयसिंह के श्राश्रित थे। इनके पितामह बीकानेर में दीवान थे, सं० वशावली दे० (न-१०६) ६३० के लगभग वर्तमान । शिवनाथ-कुशलसिंह के समकालीन; उन्हीं के अद्भुत रामायदे० (ज-२६५) साथ मिलकर नग्नशिख ग्रंथ रचा। शिवमसाट--जानि के ग्रामण, दरभंगा राज्य में नखशीय दे० (ञ-१६१) दीवान थे, सं० १६४२ के लगभग वर्तमान शिवनाय-देवकीनंदन शुक्ल के पिता, सं० थे। दे० (-५१) १८४० के पूर्व पर्तमान, जाति के कान्यकुब्ज शिव माहात्म्य भापा-- जयकृष्ण कृत; नि० का० ग्राह्मण; मकरन्दनगर जिला फर्रुखायाद निवासी सं० १२५; लि० का० सं० १५८, वि०शिव थे। दे० (अ-६५) जी की महिमा का वर्णन । दे०(ग-8) शिवनारायण-जाति के राजपूत, गाजीपुर | शिवराज भूपण---भूपण कवि कृत; नि० का० 'जिले के निवासी; कविता का० सं० १७६२- स०१७३०, वि० अलंकारों और वीर रस १८११, इन्होंने अपने नाम का सप्रदाय का वर्णन । दे० (घ-५%) चलाया था। शिवराम--सं० १७८७ के लगभग घर्तमान; इनमें सत सुदर दे० (ज-२६४५) विषय में और कुछ भी प्रात नहीं । सत विकास दे० (ज-२६४ वी) मक्ति भयमान दे० (ज-२६६) सत विचार दे० (ज-२६४ सी) शिवराम भट्ट--सं० १८४७ के लगभग वर्तमानः