पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/१७१

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[ १३८ ] राजा भीमसिंह के आश्रित; गानविद्या में भी | राधा माधव मिलन बुध विनोद--कालिदास निपुण थे। कृत, वि० नायिका भेद और राधा माधव के राग रणाकर दे० (ज-२३३) मिलने का प्रसग, ललिता दूती द्वारा धर्णित राधाकृष्ण कटाक्ष---सुखलाल कृत; लि. का० है। दे० (ख-६८) सं० १९२३, वि० राधा की स्तुति । दे० | राधा रमण रस सागर लीला--मनोहर कृत; (छ-११२ सी) नि० का० सं० १७५७, लि. का० सं० १९३६) राधाकृष्ण को झगरो-मेघराज प्रधान कृत; लि. वि० कृष्ण विहार वर्णन। दे० (ज-१६१) का० सं० १६११; वि० राधा और कृष्ण का राधा रमण विहार माधुरी-माधुरीदास कृत, झगड़ा जिसमें कृष्ण द्वारा राधा के हार और वि० कृष्णलीला वर्णन । दे० (ग-१०४ एक) राधा के कृष्ण की बाँसुरी चुराने का वर्णन है। राधाविनोद---हरिदत्तसिंह कृत; लि० का० सं० दे० (छ-७४ डी) १६००, दूसरी प्रति का लि० का० सं० १६४६ राधाकृष्ण चौवे--सं० १८५० के लगभग वर्त वि० राधाजी के अंग प्रत्यंग का वर्णन । ३० माना जाति के चौवे ब्राह्मण थे। (ज-१११)(छ-१७२) रिहारी सतसई की टोका दे०(छ-६६, राधा शतक--हठी कवि कृत, नि० का० सं० १८४७, लि. का० सं० १९१६, वि० श्री राधा राधाकृष्ण विनोद-रामचंद्र गोखामी कृत; वि० राधा और कृष्ण का विनोद । दे० जी की महिमा का वर्णन । दे० (च-६) (छ-३१३) राधाष्टक-परमानंद हित कृत; वि० राधा जी राधाकृष्ण विलास-गोकुलनाथ कृत; नि० का० की प्रशंसा का वर्णन । दे० (छ-२०४ डी) सं० १८५८, लि० का० सं० १८६०, वि० राधा राधानिधि की टीका भावविलास-वृंदावन- कृष्ण-चरित्र सहित नायिका भेदादि वर्णन। दास कृत नि० का० सं०१८२० वि० श्रीराधा- दे०(घ-१५) कृष्ण का निकुंज विहार वर्णन | दे० (ज- राधाजूको नखशिख--गोकुलनाथ बंदोजन कृत, ३३१ सी) वि० राधा के नख से शिख तक का भंगार रानारासा-दयालदास कृत; नि० का० सं० वर्णन । दे० (म-६६) १६७५, लि० का० सं० १४४४, वि० उदयपुर के राधा नखशिख--द्विज कवि कृत; लि. का० सं० राजाओं का आदि से राणा कर्णसिंह तक का १८५५; वि० राधा जी का नखशिख' श्रृंगार इतिहास वर्णन । दे० (ज-६१) (ख-३०) घर्णन । दे० (घ-२७) (क-६४) राधा नखशिख-गिरिधर भट्ट कृत; नि० का० राम (कवि)-इनके विषय में कुछ भी बात नहीं । सं० १८८६, चि० राधा जी का नखशिस्त्र भंगार हनुमान माटक दे० (ज-२४३) वर्णन । दे० (छ-३८ ए) राम अनुग्रह-गंगाप्रसाद उदैनिया कृत, नि० 1