पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/१४७

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नाम 1 [97] मंगदसिंह-जयतपुर (बुंदेलखंड ) के राजा, मकरंद पॉड़े--ग्वालियर निवासी, प्रसिद्ध गाय- सं० १७१६ के लगभग वर्तमान, मइन के नाचार्य तानसेन के पिता, स० १७१७ के पूर्व आश्रयदाता थे। दे० (छ-७२) वर्तमान । दे० (ख-२) मंगल मिश्र-जाति के ब्राह्मण, सं० १८७६ के मकरंद शाह (भोंसला)---नागपुर नरेश, सं० लगभग वर्तमान; महाराज कुमार शिवदान १७०७ के लगभग वर्तमान, चिंतामणि त्रिपाठी सिंह के आश्रित । के आश्रयदाता थे। दे० (ध-३६ ) (क- समरान्त सार दे० (ज-१८) ४०) (क-१२७) मंगल रामायण-अन्य पार्वतीमंगल; मकरध्वज की कथा-मेघराज प्रधान कृत; लि. गोस्वामी तुलसीदास कृत, लि. का० स० का० सं० १७१, वि० हनुमान के पुत्र मकर- १६०६, वि० उमा-महेश विवाह वर्णन।दे० (ज- ध्वज की कथा का वर्णन । दे० (छ-७४ वी) ३२३ २फ) मंगल लतिका–रामसखे कृत, लि० का० सं० मकुंददास-~-उप० जन मकुंद; इनके विषय में और कुछ भी ज्ञात नहीं १६२१, वि० राम जानकी का ध्यान वर्णन । भंवर गीता दे० (ज-१८४) (ग-१०४ दो) दे० (ज-२५७५) मखौना खंड चौंतीसा-कयीर कृत, वि० श्रात्म- मंगल शब्द--कवीर कृत; वि० ईश्वर प्रार्थना । ज्ञान वर्णन । दे० (ज-१४३ पर्ने) दे० (ज-१४३ वाई) मच्छ-मारवाड़ निवासी, इनके विषय में और मंगल सभा--कवीरदास कृत, वि० चंदना । दे० (ज-१४३ वाई) कुछ भी ज्ञात नहीं। रघुनाथ रूपक दे० (छ-२६) मंटन--सं० १७१६ के लगभग वर्तमान. जैतपुर (बुंदेलखंड ) निवासी, राजा मगदसिंध के मजलिस मंडन ( छूटक दोहा )-महाराज आश्रित थे। सावंतसिंह (नागरीदास ) कृत; वि० शृंगार जनक पचीसी दे० (छ-७२) रस के दोहे । दे० (ख-११५) मंसाराम पाँड़े--सं० १८६४ के लगभग घर्तमान, | मणिनाथ-गोकुल और गोपीनाथ के समका- इनके विषय में और कुछ भी ज्ञात नहीं। लीन थे, धनारस निवासी, राजा उदितनारायण भारत प्रवध दे०(च-६६) सिंह के आश्रित थे । दे०(3-६५) मकरंद---सं० १८१४ के लगभग वर्तमान; इनके मणिमंडन मिश्र-गौड क्षत्री, राजा केशरी विषय में और कुछ भी ज्ञात नहीं। सिंह के आश्रित; इनके विषय में और कुछ। जगाध माहात्म्ध दे० (ज-१२) भी ज्ञात नहीं। मकरंद--ये कोई राजा थे, सं० १७२६ के लगभग पुरदर माया दे० (छ-२६१) वर्तमान, जैन अनाथ भाट के आश्रयदाता | मतचंद (मतचंद्रिका )--फतेहसिंह कृत; नि० थे। दे० (ज-१३१) का० सं० १८१३, लि० का० सं०१६४६ विक