पृष्ठ:हमारी पुत्रियां कैसी हों.djvu/८६

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दाल-~ दाल में अत्यन्त पोषक तत्त्व होता है। रोटी खानेवाले और चावल खाने वाले भी दाल का सामान उपयोग करते हैं, इस तरह आटा या चावल दोनों में से जिसमें पोषक तत्त्व कम होता है उसकी पूर्ति दाल के पोषक तत्त्व से ही होती है। यह बात स्मरण रखनी चाहिए कि जब तक दाल अच्छी तरह न पक जाएगी वह हजम न होगी। इसलिए दाल को अच्छी तरह उवाल लेना बहुत ही आवश्यक है। दाल को इतना पकाना चाहिए कि उसका दाना बिलकुल पानी में घुल जाए । बंगाल और पंजाब में उर्द और दक्षिण में अरहर की दाल बहुतायत से इस्तेमाल की जाती है। मूंग की दाल रोगियों के लिये बहुन उपयुक्त है। मसूर की दाल में भी पोषक-तत्त्व बहुत है। गर्म जल-वायु वाले प्रान्तों में उर्द की दाल बहुत उपयुक्त