पृष्ठ:हमारी पुत्रियां कैसी हों.djvu/४०

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व्यायाम करने के बाद तेल की मालिश करनी चाहिए, इससे शरीर मज़बूत होता है और खाल की बीमारियाँ दाद खुजली आदि नहीं होती। स्नान व्यायाम और तेल मालिश करने के बाद स्नान करना चाहिए। शरीर को सावुन या बेसन लगा कर नहाना अच्छा है, इस से मैल छूट जाता है और शरीर के रोमरन्ध्र या त्वचा के सुराख जिनसे पसीना निकलता है. साफ़ हो जाते हैं न नहाने से उन्में मैल भर जाता है। परन्तु नित्य साबुन नहीं लगाना चाहिए नहाने से शरीर में खून तेज़ी से दौड़ने लगता है, भूख खूब लगती है, चित्त शान्त और प्रसन्न हो जाता है। ठण्डे पानी से नहाना अच्छा है, पर मौसम बहुत ठण्डा हो या शरीर कमज़ोर हो तो गुनगुने पानी से ही नहाना ठीक होगा। कपड़े नहाने के बाद सूखे मोटे अंगोछे से शरीर को रगड़ के पोंछ- कर साफ़ कर कपड़े पहनो। मैले कपड़े कभी न पहनना चाहिये। नहीं तो उनका मैल शरीर में लग जायगा और नहाने का लाभ जाता रहेगा। सदा साफ़ धुले हुए कपड़े पहनो, गर्मी का मौसम हो तो सफेद या हल्के ठन्डे रंग के, सूती या रेशमी, सर्दी का मौसम हो तो रगीन ऊनी या रुई के। सोते वक्त बिछौने की चादर साफ़ हो । ओढ़ने की रजाई के नीचे साफ चादर लगाकर ओढ़ना चाहिए और उसे हर हफ्ते धुलाना चाहिए।