पृष्ठ:हमारी पुत्रियां कैसी हों.djvu/३०

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बढ़िया कपड़े ही पहनो। यदि तुम में तमीज़ और सलीक़़ा है तो घटिया कपड़ा भी सुघड़ता से पहनोगी, वह बहुत भला लगेगा। यदि सलीका नहीं तो बढ़िया कीमती वस्त्र भी भद्दा लगेगा और वह जल्द खराब भी हो जाएगा।

बहुत सी लड़कियाँ कपड़फाड़ मशहूर होती हैं। कपड़े जूते या कोई भी चीज़ उनके पास ठहरती ही नहीं, यह उनकी बेतमीजी की आदत का फल है। माता-पिता को चाहिए कि उन्हें इस बात की बचपन ही से शिक्षा दे कि वे कपड़ों को सावधानी से पहने। दीवार या किवाड़ के सहारे खड़ा होने या बैठने की आदत अकसर लड़कियों को हो जाती है। पीछे वह जन्म भर नहीं छूटती, इससे शरीर में आलस तो भर ही जाता है साथ ही कपड़े भी जल्द मैले और गंदे हो जाते हैं। जी चाहे जहाँ बैठ जाना भी बुरी आदत है। परस्पर लड़के लड़कियों का लिपटना, झपटना, कपड़े खींचना, उल्टे सीधे कपड़े पहनना यह सब आदतें बचपन ही से ना डालना चाहिए।