पृष्ठ:हमारी पुत्रियां कैसी हों.djvu/१७३

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बाद लाल कसीस, पाँच सेर पानी में घोल कर कपड़े को भिगो सुखा लो। अध्याय सातवां घर का सामान सजावट और व्यवस्था । यद्यपि यह बात बहुत जरूरी है कि अपना नित्य का जीवन विल्कुल सीधा-सादा और आडम्बर शून्य रहै पर फिर भी जो कुछ भी सामान हो वह ढंग का हो, आवश्यक हो और सुरुचि- सम्पत्त हो । बहुधा हम देखते हैं कि लोग अपने लिए अच्छे सामान का चुनाव नहीं कर सकते। बहुतों की तो ऐसी आदत होती है कि जो चीज तड़क-भड़क की सस्ती मिली उठा लाए । चाहे उसकी ज़रूरत हो या नहीं। बहुधा लोग साहव लोगों की पुरानी चीजें नीलाम में ले आते हैं और उनका उल्टा सीधा उपयोग करते हैं। इससे कभी-कभी घरों की शोभा बढ़ने के स्थान पर भद्दापन हो जाता है। आलमारी, तस्त, तिपाइयाँ, कुर्सी, हिडोले, सन्दूक, हन्डियाँ, झाड़, फानूस, शमादान, गद्दे मसनद, कालीन ये सब चीजें सजावट के मतलब की भी हैं और काम की चीजे भी हैं। पर यदि घर को अंग्रेजी ढंग पर सजाना है तो उसे पूर्णतया उसी रीति से सजाना चाहिए। बढ़िया दृश्यों से पूर्ण चित्र, वढ़िया विल्लौरी बड़े-बड़े शीशे। देविल पर रखने के चित्र-विचित्र गुलदस्तों के लिए काँच के ' १६०