पृष्ठ:हमारी पुत्रियाँ कैसी हों.djvu/१३१

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१२० छिलके चाकू से उतार दो । उपरांत नी माशे नमक, ६ माशे हल्दी, पीस करेलों पर मसल एक श्रोर रख दे जब पानी निथर जाय तो, हींग ६ माशे, स्याह जीरा ६ माशे, सफेद जीरा १ तो०, लौंग एक तोला, इलायची दो तोला, दालचीनी छै माश, धनिया श्राधी छटाक, मेथी श्राधी छ०, मंगरीला दो तोला, सैफ अाधी छटाक, जावित्री ६ माशे, शीतल चीनी ६ माशै, पीपल , तो०, काली मिर्च श्राधी छटांक, सांभर नमक एक पाव, मिश्री पांच तोले, इन मसालों को तेल में भून लो और करेलों में भर कर उन्हें मर्तबान में भर दो फिर श्राध सेर निम्बू का रस डालकर, ३ दिन पड़ा रहने दो, अनन्तर उसमें तेल डालो। यह पित्त को शान्त करता और चित्त को प्रसन्न करता है। किशमिश-- किशमिरा एक सेर, अंगूर का सिरका चार सेर, पिसी काली मिर्च एक छटाक, सफेद जीरा दो तोला, स्याह जीरा 'तीन तो०, सेंधा नमक ३ घटाक, इलायची का चूर्ण १ छटाक और अदरक एक पाव; पहिले सिरका चूल्हे पर गर्म करो, जब खोलने लगे तो नमक, अदरक और किशमिश छोड़ दो। जब तीन सेर सिरका जल जाय । तो सब मसाला छोड़ नीचे उतार लो। और अभृतबान में भर लो । हाजमें दार होता है । नीम्बू-- अगहनी नीबू ले कर दो घंटे पानी में भिगो, चाकू से चार चार फाड़ियों में काटो, फिर खारी नमक, काला नमक, सांभर नमक १-५ छटाक, सेंधा नमक पाव भर, सोंठ मिर्च, पीपल एक एक छटाक, धनिया श्राध पाच, सफेद जीरा एक छटाक लौंग एक तोला, स्याह जीरा ॥ तो०, जवाखार १ छ० और सुहागा १ तोला पीस लो । सब मसाला नीम्बूनों में भर बांधों और चीनी के बर्तन में नीबू डाल उसमें का इतना रस डालो कि वे डूब जायें । श्राक- पाक का अचार भी अत्यन्त गुणकारी बनता है, यह अचार मुरू