पृष्ठ:हमारी पुत्रियाँ कैसी हों.djvu/१२८

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११७ अदरक की मट्ठी- एक पाव उड़द के आटे में पाव भर घी मिला कर मसल डाले । पीछे १ छटाक अदरक का रस मिला कर फेंटे, फिर मैदा में मिला कर फेंटे और २ तो० नमक, १ तो० दरकचरी काली मिर्च मिला कड़ा गून्द ले, और गिकिये बना कर तल ले। कचरी- कचहरी भी एक अपूर्व स्वादिष्ट पदार्थ हैं। इस के खाने से मन में अधिक प्रसन्नता होती है । विधि यह है- प्रथम कचरियों को भून ले, जब भूनते-भूनते फूल जाँय तो नमक, मिर्च और अमचर अथवा दालमोठ डाल कर भोजन के काम में लाये। भालू के समोसे- समोसे भी अनेक चीजों के बनते हैं; जैसे मालू, मूंग की दाल, चना, मटर इत्यादि । विधि-एक सेर भदा ले कर 'उस में ३ छटाक घी का मोयन दे पीछे १ तो० नमक, दो तो० नीबू का रस और ५ नो० अदरक का रस डाल पानी के सहारे एक गीले कपड़े के नीचे दबा कर रक्खो; फिर मोटे अालू उबाल हाथों से चूरा कर हींग, जीरा और लाल मिर्च डाल घी में भून लो। फिर मंदा की लोइयाँ बेल उस में भरती जात्रो और घी में तल-तल कर निकाल ले । पापड़ उड़द, मूंग या चने की दाल में से जिसके पापड़ बनाने हों, उसको महीन पीस लो, उसके बाद १ सेर दाल में १ छटाक लोटन सज्जी, छटाक भर साँभर नमक, २ तो० जीरा सफेद, श्राधी छटाक काली मिर्च और २ रत्ती हींग को मिला कर दूध या दही के पानी में सान ले । यह श्राटा खूब कड़ा होना चाहिए। तब लोइयं काट चकले पर पतले-पतले बेल, पापड़ बनायो और समय-समय पर काम में लायो।