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अ्ङक १]
[दृश्य १
हड़ताल

एडगार

[पढ़ता हुआ]

"तो हमें विश्वास नहीं होता कि उनके पाषाण हृदय भी द्रवित न हो जायँ।"

[वेंकलिन उस के हाथ से पत्र ले लेता है]

वाइल्डर

बदमाश! मैं इस आदमी को उस समय से जानता हूँ जब उस के पास झंझी कौड़ी भी न थी। शैतान ने उन लोगों को धमका-धमका कर ख़ूब धन जोड़ लिया है, जिन के विचार उस के विचारों से नहीं मिलते।

[ऐंथ्वनी कुछ कहता है, जो सुनाई नहीं पड़ता।]

वाइल्डर

तुम्हारे पिता जी क्या कहते हैं?

एडगार

वह कहते हैं–"पतीली और बर्तन"