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अङ्क २]
[दृश्य १
हड़ताल
मैज
क्यों न चिढ़ूँ? जिनकी माँ और बच्चे इधर-उधर ठोकरें खाते फिरते हों उन्हें यह जिद शोभा नहीं देती- सब कायर हैं।
मिसेज़ रॉबर्ट
मैज!
मैज
[मिसेज़ रॉबर्ट को चुभती हुई आँखों से देखकर]
समझ में नहीं आता तुम्हें कैसे मुँह दिखाता है।
[आग के सामने बैठकर हाथ सेंकती है]
हार्निस फिर आ गया। आज सभों को कुछ न कुछ निश्चय करना पड़ेगा।
मिसेज़ रॉबर्ट
[नर्म, धीमी आवाज़ में]
रॉबर्ट इंजिनियरों और भट्टीवालों का पक्ष न छोड़ेंगे। यह उचित नहीं है।
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