पृष्ठ:स्त्रियों की पराधीनता.djvu/२६४

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और उत्तेजना मिले-तो इससे दूसरा फ़ायदा यह होगा कि अब तक जितनी मानसिक शक्ति मनुष्य-जाति की सेवा कर रही थी, वह एकदम दुगनी हो जायगी। इस समय जिस काम के लिए एक लायक़ आदमी मिलता है, उस समय उसी काम के लिए दो लायक़ आदमी मिलने सम्भव हैं। समाज में से उत्तम शिक्षक, प्रतिभासम्पन्न लेखक, ईमानदार अधिकारी, कार्यकर्ता आदि भिन्न-भिन्न श्रेणियों के उत्तम सुधारक और योग्य कार्य्यकर्त्ता जितने आज मिलते हैं-उस समय एक से दुगने निकल आवेंगे। इस समय हमें जितने उत्कृष्ट मानसिक शक्तिवाले व्यक्तियों की आवश्यकता है, उस से कहीं कम संख्या में वे मिलते हैं। इस ही प्रकार जिन कामों में अत्युच्च बुद्धिमानों की ज़रूरत है, वैसी ऊँची प्रतिभा वालों को बहुत ही कमी है। संसार की बुद्धि का बिल्कुल आधा भाग बेफ़ायदे पड़ा है; और इसके कारण संसार को जो नुक़सान हो रहा है वह बहुत ही बड़ा है। यद्यपि यह बात तो नहीं है कि इस आधे भाग से बिल्कुल ही फ़ायदा न होता हो; क्योंकि उसका अधिक भाग घर के काम-काजों में और उन कामों में जो स्त्रियाँ कर सकती हैं जाता है, तथा उन की बुद्धि का कुछ भाग किन्हीं ख़ास-ख़ास व्यक्तियों के द्वारा समाज को भी मिलता है-और वह इस प्रकार के किन्हीं व्यक्तियों पर स्त्रियों का भी अधिकार होता है। किन्तु ये लाभ केवल अंशतः मिलते हैं, और इनकी संख्या बहुत ही