पृष्ठ:स्त्रियों की पराधीनता.djvu/१८१

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किया है वह किसी प्रकार स्त्रियों का पक्ष लिये हुए नहीं है, यह स्पष्ट है। क्योंकि अभावदर्शक प्रमाण (Negative evidence) अधिक होने पर भी उतना कार्यकारी नहीं होता जितना प्रत्यक्ष (Positive) प्रमाण थोड़ा होने पर भी निर्णायक और निश्चयात्मक होता है। होमर,*[] अरिस्टाटल,†[] माइकेल एँजेलो,‡[] और विथोवेन§[] आदि ने विद्या में जो उच्चता और उत्कृष्टता का अपूर्व उदाहरण स्थापित किया, ऐसा अपूर्व नैपुण्य आज तक किसी भी स्त्री ने नहीं दिखाया-इसलिए ऐसी प्रवीणता रखने वाली कोई स्त्री निकलनी असम्भव है-यह अनुमान निर्दोष नहीं। इस अभाव दर्शक अनुमान से इतना ही सार निकाला जा सकता


  1. * होमर (Homer) ग्रीक लोगों का आदि कवि है। इसका समय ईसा से लगभग एक हजार वर्ष पूर्व है। इस के "इलियड" और "ओडिसी" बड़े प्रतिष्ठित ग्रन्थ हैं। हिन्दुओं में वाल्मीकि और व्यास का जो आदर है, ग्रीकों में होमर का वही स्थान है।
  2. † अरिस्टाटल (Aristotle या अरस्तू ) ग्रीस का प्रसिद्ध तत्वज्ञानी है। इसका जन्म ईस्वी पूर्व ३८४ और मरण ईस्वी पूर्व ३२२ वर्ष है। यह प्रसिद्ध सिकन्दर का गुरु था। तत्वज्ञानियों में इसका नाम बड़े सम्मान से लिया जाता है।
  3. ‡ माइकेल एँजेलो (Michael Angelo) इटली देश का सुप्रसिद्ध चित्रकार, मूर्तिकार और शिल्पी हो गया है। इसका जन्म १४७५ ई॰ में हुआ और मृत्यु १५६३ ई॰ में हुई।
  4. § विथोवेन (Beethoen) प्रशिया में १७७० ईस्वी में पैदा होकर १८२७ ईस्वी में मरा। वह भारत के तानसेन के समान गवैया था। संगीत, वादमकला और स्वर-रचना में इसकी बुद्धि बड़ी ही विलक्षण थी।