[अठारह रहा । वृद्ध मोची और उसकी पत्नी ने शीघ्र ही जान लिया कि अब यह उनका पहले वाला स्वच्छन्द स्वेच्छाचारी बालक नहीं है, अपितु इस धर्मस्थान के थोड़े से निवास ने उसके जीवन का काया कल्प कर दिया है। जिस उद्धत शरारती लड़के से गोरी की जनता भयभीत रहा करती थी, उसे तफलस के संस्थान में प्रविष्ट हुए चार वर्ष बीत गए। इन चार वर्षों में कोई भी ऐसी घटना न हुई जिसके आधार पर यह समझा जाता कि लड़का उन्नति की बजाय अवनति कर रहा है। अपने इस नवीन रूप के कारण जोजफ अपने पूर्व के व्यक्तित्व को-जबकि वह सोसो कहलाता बा-पूर्णाश में विस्मृत कर चुका था। विद्यालय के अध्यापकों ने विभिन्न समस्यों में जो विचार इस नवयुवक विद्यार्थी के सम्बन्ध में प्रकट किये वह आज तक सुरक्षित हैं । उन्हें अध्ययन करने से पता लगता है कि उस नाके पर उस पाठशाला में जाने के पश्चात् बड़ा भारी क्रान्ति- कारी प्रभाव पड़ा। उपाध्यायों की राय थी कि वह इतने परिश्रम और ध्यान- पूर्वक पढ़ता और एक आदर्शपूर्ण संघर्ष के साथ जीवन व्यतीत करता है कि इस आधार पर ही यह कहा जा सकता है कि वह निश्चय ही भविष्य में रूसी चर्च का एक प्रसिद्ध पादरी बनेगा। यह वह समय था जबकि प्राचीनता प्रिय पादरी अपने विश्वासों को रूस की विभिन्न जातियों में फैलाने के लिये महान् प्रयत्ल कर रहे थे। इस विशाल देश की सीमा में चालीस से अधिक प्रकार की जातियां एवं उपजातियां निवास करती थीं। सरकारी चर्च की यह नीति थी कि इन्हीं विविध जातियों के पादरियों द्वारा उनकी अपनी भाषा में शिक्षा-प्रसार कर अपनी इच्छानुकूल
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