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सौ अजान एक सुजान

हरगिज़ ज़ियादह न होंगे, बल्कि हुमा का हाथ फिर भी बाजा से खाली ही रहा।

पंचानन-अच्छा, आप लोग अपना-अपना बाजा ले चुके हों, तो हम 'प्रोपोज़' करते हैं कि हुमा हम सब लोग बाजा बजानेवाले की बैंडमास्टर की जाय।

नंदू-मैं आपके इस प्रोपोजल को सेकंड करता हूँ। (मन में ) हुमा या ये दोनों बाबू सैब इस वक्त मेरे क़ब्जे में हैं हुमा में हुमापन पैदा करनेवाला भी मैं ही हूँ। आज यह पुराना चंडूल पंचानन अच्छा आ फंसा । यह उस गँवार पंडित का जिगरी दोस्त है। यह भी मेरे दल में आज आ शरीक हुआ, इस बात की मुझे बड़ी खुशी है । बुद्धदास के जरिए मैंने जो कार्रवाई की थी, उसमें भी मैं भरपूर कामयाब हुआ, सच है, ऐब करने को भी हुनर चाहिए।

बुधू पॉड़े अफीम के झोंक में एक बारगी चौक पड़ा, और अपने सामने पुलिस के दो आदमियों को बातचीत करते देख चौकिन्ना हो पूछने लगा-"तुम कौन हो ? किसके पास आए हो?"

पुलिस-सेठ हीराचद के वलीअहद ऋद्धिनाथ व नंदू व बुद्धदास तीनों कहाँ हैं ? उनके नाम का वारेंट है, तोनों फ़ौजदारी सिपुर्द हुए हैं । साथ हथकड़ी के तीनों को अदालत में हाज़िर करने का हुक्म हमें है।