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सौ अजान और एक सुजान
पखेरुओं—पक्षियों।
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कज़्जाक—(तुर्की शब्द) डाकू, लुटेरा, चालाक।
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सोलहवाँ प्रस्ताव
पैग़ंबर—अवतार, ईश्वर-दूत।
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गुनहगार—पापी।
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सत्रहवाँ प्रस्ताव
चंपत हुआ—ग़ायब हुआ।
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डामिल—(अ-दायमुल्ह हब्स) जन्म कैद।
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अठारहवाँ प्रस्ताव
सुर्ख़रुई—प्रशंसा।
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हकीर—(फा॰-शब्द) तुच्छ।
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उन्नीसवाँ प्रस्ताव
अवसान—अंत, ओर।
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बहिर्भूमि—बाहर की ओर; बहिरी ओर।
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बीसवाँ प्रस्ताव
निस्स्वार्थ—बिना मतलब के।
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अद्यप्रातरेवानिष्टदर्शनम्—आज सबेरे ही अशुभ दर्शन हुआ। |