हुस्नपरस्त—सौंदर्योपासक।
|
विकसित-पुंडरीक-नेत्र—खिले हुए कमल-समान नेत्र।
|
बारहवाँ प्रस्ताव
नेचरिये—(अंग॰ Nature) नास्तिक, जो ईश्वर को न मानकर केवल प्रकृति या नेचर ही को संसार का कर्ता-धर्ता मानते हैं।
|
बर्क—चतुर, चमकीला। |
हुस्नपरस्त—सौंदर्योपासक।
|
विकसित-पुंडरीक-नेत्र—खिले हुए कमल-समान नेत्र।
|
बारहवाँ प्रस्ताव
नेचरिये—(अंग॰ Nature) नास्तिक, जो ईश्वर को न मानकर केवल प्रकृति या नेचर ही को संसार का कर्ता-धर्ता मानते हैं।
|
बर्क—चतुर, चमकीला। |