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सौ अजान और एक सुजान

जगरैतिन—परिश्रम करनेवाली, मेहनतिन।
विक्षेप—ख़लल।
कर्कशा—लड़ाकिन, कटुभाषिणी।
प्रेमालाप—प्रेम की बातचीत।
सहिष्णुता—सहन करने की शक्ति।
सौहार्द—प्रेम।
अठखेली—(सं॰ अष्टक्रीड़ा) मस्तानी या मतवाली चाल।
अकालजलदोदय—असमय में मेघों का उदय होना।
कदर्य—नीच, तुच्छ हृदय

घिष्टपिष्ट—हरा मेलजोल।
केड़े—(सं॰ करीर) नया पौधा या अंकुर, नवयुवक।
गुलछर्रे—आनंद, भोग-विलास।
निर्गधोज्झित पुष्प—वह फूल, जो सुगंध न रहने से फेंक दिया गया हो।
ठौर—(सं॰ स्थान) जगह।
कुलप्रसूत—उत्तम वंश में पैदा हुआ।
नटखट—धूर्त, कपटी।
वलीअहद—स्थानापन्न, वारिस।
उद्घाटन—प्रकट करना, खोल देना।

 

सातवाँ प्रस्ताव

ईशानकोण—पूर्व और उत्तर के बीच की दिशा।
देवखात—किसी मंदिर के पास का कुंड।
हलक़ा—घेरा।
लहलहे—विकसित, हरे-भरे।
विटप—वृक्ष।
आतप—घाम।
ज़ियारत—पूजा।
परिशिष्ट—बची हुई।

तीर्थलियों—(सं॰ तीर्थस्थली) तीर्थ के पुजारी और पंडे।
फूटीझंझी—फूटी कौड़ी, (यहाँ के दलालों की बोली)।
चिरबत्ती—चिथड़ा-चिथड़ा।
बइयरबानी—कुलीन स्त्री।
अभिसंधि—षड्यंत्र, चुपचाप कई आदमियों के मिलकर एक कोई ख़ास काम करने की सलाह।