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सौ अजान और एक सुजान

खुसूसियत—विशेषता।
ख़ार खाते हैं—डाह करते हैं।
अल्हड़पन—अक्खड़पन, बेपरवाही।
दर्पदाह ज्वर—अभिमानरूपी जलन पैदा करनेवाला ज्वर।
दाह—जलन।
सदुपदेश शीतलोपचार—अच्छे-अच्छे उपदेशरूपी ठंडक पहुँचानेवाले सामान।
कारगर—(फ़ा॰-शब्द)उपयोगी, लाभकारक, असर करनेवाली।

मीर शिकार—(अमीर शिकार) अमीरों का शिकार करनेवाला। जब एक अमीर के लड़के को बिगाड़ चुके, तब दूसरे, फिर तीसरे, इसी तरह अमीरों के लड़कों को बिगाड़कर उनके धन द्वारा जो आप मज़ा लूटते हैं।
खूसट—(सं॰ कौशिक) उल्लू, मनहूस।
कलामतों—(सं॰ कलावंत) किसी फ़न या हुनर में उस्ताद।
दोग़ले—(अरबी-शब्द) वर्ण-संकर

 

पाँचवाँ प्रस्ताव

चहले—(सं॰ किचिल) कीचड़।
नै बै—(सं॰ नै=नई। बै (वय)=उमर) नई उमर, जवानी।
दारुण—कठोर।
सुखद—सुख देनेवाला।
ऊष्मा—गर्मी।
कुसुमबान—जिसका बाण कुसुम (फूल) का हो; जिसे पुष्पधन्वा भी कहते हैं, कामदेव।

सलोनापन—लावण्य, लुनाई।
उमंग—इच्छा, जोश, उल्लास।
अनिर्वचनीय—अकथनीय, जिसका वर्णन न हो सके।
दाख—(फ़ा॰-शब्द) अंगूर।
वयस्संधि—लड़कपन और जवानी की उमर के मिलने का समय, नवयौवन।
तरेर—डुबाकर।
अपिच—बल्कि।