जनरल एलफिन्स्टन को क़त्ल करने की कोशिश भी की गई। यह बहुत ज़रूरी है कि पेशवा की मसनद को बिल्कुल उलट दिया जाय । और मराठों की ताक़त का खात्मा हो जाय। इसके लिए हमारी एक लाख तलवारें इकट्ठी हो रही हैं कर्नल, बस हमें एक चीज़ की इन्तज़ारी थी।" "किस चीज़ की माई लार्ड।" "इसी नक्शे की।" "यह नक्शा इस क़दर कीमती है ?" "प्रोफ, कर्नल ! पिछली दोनों मराठा लड़ाइयों में हमारी नाकामियों और कमजोरियों का असल कारण ही यह था कि हमारे पास राजपूताना और मध्य हिन्दुस्तान के सही नक्शे ही नहीं थे। जो नक्शे हमारे दफ्तरों में थे, वे बिल्कुल ग़लत और अधूरे थे। और लड़ाई के वक्त हम ठीक- ठीक यह अंदाज़ा न लगा सके कि कहाँ कौन नदी-नाला, पहाड़-दर्रा और मैदान है। कहाँ हमारी और दुश्मन की फौजें छिप सकती हैं। कहाँ हमारे तोपखाने जमाए जा सकते हैं। कभी-कभी तो हम बिल्कुल ही धोखे में रह गए । और हमें गहरे नुकसान उठाने पड़े।" "वाक़ई यह बड़ी खामी थी।" "इसी से मैंने कर्नल टाड को चुना वह अंग्रेज़ कौम की यह भारी खिदमत करे । वह बड़ा विद्वान, समझदार और कुशल कूटनीतिज्ञ है । मैंने उसे दो कामों का भार दे कर राजपूताने का रेजीडेन्ट बना कर भेजा- एक तो यह कि राजस्थान और मध्य हिन्दुस्तान का खूब बारीकी से सर्वे कर के सही नक्शा तैयार करे । जिसमें मध्य भारत और राजस्थान की सही भौगोलिक स्थिति का संकेत हो। दूसरे, वह एक ऐसी किताब लिखे, जिसमें राजपूतों की तारीफ़ हो और मराठों की खूब बुराई की जाय । मेरी सिफारिश से गवर्नर-जनरल ने उसे मेवाड़, मारवाड़, जयपुर, कोटा और बूंदी इन पाँच राजपूत रियासतों के लिए कम्पनी का एजेन्ट नियुक्त किया है । मैं समझता हूँ कि मैंने ग़लत आदमी नहीं चुना। उसकी किताब का एक भाग मुझे मिल चुका है। उसमें वह अपनी तेज बुद्धि और कूटनीति । १२८
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