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इन्दुमती वा वनविहङ्गिनी। ऐतिहासिक उपन्यास । मूल्य दो आने। यह उपन्यास अब तीसरी बार छ।। है । यह ऐतिहासिक उपन्यास है। है तो यह छोटा, पर काम इसका बहुत बड़ा है। इसकी आश्चर्यजनक घटनाएं तथा अद्भुत वृत्तान्त पढ़कर उपन्यास के प्रेमी पाठक बहुत ही प्रसन्न होंगे। इसमें पन्द्रहवीं शताब्दी की एक बड़ी ही सुन्दर और रोचक कहानी का वर्णन है । दिल्ली के बादशाह इसराहीमलोदी का अजयगढ़ के राजा राजशेखर को दिल्ली में बुलाकर विश्वासघात करके मारडालना, इसका बदला राजशेखर के पुत्र चन्द्रशेखर का इपराहीम को मारकर चुका लेना। फिर चन्द्रशेखर का भटकते हुए विन्ध्याचल के घोर वन में इन्दुमती से भेंट होना, इन्दुमती के पिता का दोनो, अर्थात् चन्द्रशेखर और इन्दुमती के सच्चे और अगाध प्रेम की परीक्षा बड़े ही विचित्र ढंग से लेना और फिर इन्दुमती का विवाह चन्द्रशेखर के साथ कर और इबराहीम से सताए जाने की अद्भुत कथा सुनाकर बूढ़े ने इन्दुमती को चन्द्रशेखर के संग बिदा किया और भाप तप करने हिमालय की ओर चला गया। उपन्यास उत्तम है। मिलने का पता,-मैनेजर श्रीसुदर्शनप्रेस, वृन्दावन ( मथुरा)