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सोलहवां अध्याय १३६ धा धा धा, तकता | तिरकिट धिट धागे नधा तिरकिट धा धा धा धा तकता तिरकिट --- घिट धागे नधा तिरकिट | धा धा धा घा धा XY झालों के आधार से लय बखेरना- अब आप इन बोलों के आधार पर कम कम आधे घण्टे तक श्रोताओं को एक से एक नया या सुनाते रहने की योग्यता प्राप्त कर लेंगे। जब तीयों का स्वरूप दिखा चुके, तब झाला पकड़ लीजिये। जिस प्रकार आपको पिछले अध्याय में झाले बनाने बताये गये हैं उसी आधार पर नये-नये झालों से श्रोताओं का मन आकर्षित करते रहिये। उदाहरण के लिये हम केवल एक झाले की मिजराब को समझाते हैं। मान लो कि आप मालकोंस में मधुनिसां स्वर पर मककक, धककक, निककक, सांककक बजा रहे हैं। आप इसे दो बार बजाकर, इन्हीं स्वरों पर झाले को इस प्रकार बजाइये कि प्रत्येक स्वर पर एक 'क' कम हो जाये अर्थात् मकक, धकक, निकक, सांकक बजे। इसे भी दो या तीन बार बजाइये। फिर एक 'क' और कम कर दीजिये। अर्थात् मक, धक, निक, सांक, बजाइये। यदि आप इसे रटना चाहें तो राग में लगने वाले किन्हीं भी चार स्वरों पर निम्न प्रकार ताल में सही बजा सकते हैं। (झाला नं०१) X मककक धककक निककक सांककक : मककक ककक निककक सांककक X O मककध ककनिक कसांकक मककध ककनिक कसांकक मकधक निकसांक इसी झाले को निम्न प्रकार भी बदला जा सकता है : X मककक धुककक निककक सांककक मककक ककधक धककक निकनिक