पृष्ठ:सितार-मालिका.pdf/१२४

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

तेरहवां अध्याय १०३ दा दा रा, दा दारा, दिड दा दिड दा डा, दिड दा दिड दा ड़ा, १० ११ १२ १ २ S है इस प्रकार यदि आप बारवीं मात्रा से शुरू कर दें तो उन बोलों की पुनरावृत्ति हो जायगी और आप गति में भी आ मिलेंगे। यह आवश्यक नहीं है कि आपके बोल दो-दो बार बज कर ठीक उसी स्थान पर अायें जहां से कि आपकी गति शुरू होती हो। यदि गति शुरू करने का स्थान कुछ बाद में आये तो आप इच्छानुसार दो चार बोल और जोड़ सकते हैं । इस प्रकार की गई सीधी आड़ी का एक उदाहरण देखिये:- सीधी-बाड़ी का तीसरा उदारहण-- दा दा रा, दा दा रा, दिड दा, दिड दा, दिड दा डा, दिड दा डा, दा दिड दा ६ १० ११ १२ १३ १४ १५ १६ १ २ यहां ६-१०-११ मात्राएँ जबरदस्ती बढ़ाई गई हैं ताकि १२वीं से गति शुरू की जा सके। अब आपको सीधी-बाड़ी बनाने के लिये कुछ मिजराबें लिखते हैं। यहाँ प्रत्येक मिजराबों के ऊपर व नीचे मात्राएँ लिख दी गई हैं । ऊपर की गिनतियाँ उन मात्राओं को प्रकट करती हैं, जो कि सीधी बाड़ी शुरू होते ही चालू होती हैं। जब उन्हीं बोलों को दुबारा बजाया जाता है तो जिन-जिन मात्राओं पर वह मिजराबें पड़ेंगी, नीचे वाली गिनतियाँ उन मात्राओं को प्रकट करेंगी। इस प्रकार हर एक मिजराब के बोलों को दो बार लिखने की आवश्यकता नहीं होगी और आपको समझाने के लिये भी यह संकेत काफी होगा । फिर भी जहां तक की मिजराबों को दुबारा बजाया जायेगा वहां तक हमने एक रेखा भी खींच दी है। देखिये:- उदादरण नं०४ १२ ३ दिड़ दिड़ दिड़ दो बार ५ बजाओ 8 २ दा दा रा ४ ७ है इस प्रकार इन बोलों को बारहवीं मात्रा से शुरू किया और दो बार बजाकर बारहवीं में आ मिले। उदाहरण नं. ५ १५ १३ दा दिड़ २ दिड़ दो बार बजाओ