पृष्ठ:सितार-मालिका.pdf/१०२

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बारहवां अध्याय ८१ देखिये, अब दूसरी चार मात्राओं में अन्तर करते हैं, साथ-साथ प्रारम्भ का स्थान भी बदल देते हैं:- दा दिर दिर दिर दा- रता -र दा दा दिर दा रा दा - ३ X अब इसी ढांचे में कुछ और परिवर्तन करते हैं: दा रा दा रा दा रा दा दिर दा रा दा दा X इसमें कुछ और अधिक परिवर्तन कियाः दा - दाई दा दा रा दा दिर दा रा दा (.com दा -- २ ३ इसमें भी कुछ और परिवर्तन कर दिया। जैसे:- दा दा | -डु दा दा रा दा दिर दिर दिर | दा- रदा न दा X . ३ यदि इन्ही ढांचों में गति के प्रारम्भ के स्थान को बदल दें तो और भी नये ढांचे बन सकते हैं। उदाहरण के लिये तीसरे ढांचे को खाली से शुरू करते हैं। जैसे:- दा- रदा न दा दा दिर दा रा दा दा रा दा दिर दिर दिर O ३ X २ अब यदि इसी गति को खाली से इस प्रकार शुरू करें कि पहिले ५ से बारहवीं मात्रा तक आयें, फिर १-२-३-४ और अन्त में १३-१४-१५-१६ तो यही एक नया ढांचा बन जायगा। जैसे- दा दिर दिर दिर । दा- रा र दा दा रा दिर दा रा ३ X २