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साहित्य-सीकर

कुछ समय से चीनी गवर्नमेंट अपने पत्र अलग निकालने और विदेशी पत्रों पर प्रभाव जमाने की चेष्टा कर रही है। यह बात वह इसलिए करती है जिसमें अन्य जातियों से झगड़ा होने पर उसका पक्ष प्रबल रहे। पर उसकी यह चेष्टा व्यर्थ और अनुचित है। इस तरह उसके उद्देश की सिद्धि नहीं हो सकती। बेहतर है कि वह चीनी अखबारों को काफी स्वाधीनता प्रदान करे। क्योंकि जब तक चीनी अखबार स्वतन्त्र और प्रबल न होंगे तब तक चीन की पूरी उन्नति न होगी।

यद्यपि चीनी अखबार अभी बाल्यावस्था ही में है तथापि उन्होंने थोड़े ही दिनों में बहुत कुछ उन्नति कर ली है और उनका बल बराबर बढ़ता जाता है। इससे विदेशियों के हृदय में वे काँटे की तरह चुभने लगे। जो हो एक उठती हुई जाति के प्रबल-वेगवाही आकांक्षा-स्रोत को कोई रोक नहीं सकता।

[अप्रैल, १९०९