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उपन्यास

उसके विका हिन्दी अनुवाद हाल ही मे 'अमरपुरी' के नाम से हुआ है। मे नवीनलखते है कि मुझे बाइबिल से प्लाट मिलते है। मेटरलिंक

लेसयम के जगद्विख्यात नाटककार हैं। उन्हे बेलजियम का शेक्मपियर पक्तियो है। उनका 'मोमावोन' नामक ड्रामा ब्राउनिंग की एक कविता से स्वीकार हुअा था और 'मेरी मैगडालीन' एक जर्मन ड्रामा से । शेक्सपियर दृश्य नेटको का मूल स्थान खोज-खोजकर कितने ही विद्वानो ने 'डाक्टर' यूरोप उपाधि प्राप्त कर ली है । कितने वर्तमान औपन्यासिको और नाटक- उनका ने शेक्सपियर से सहायता ली है, इसकी खोज करके भी कितने ही अलग 'डाक्टर' बन सकते है । 'तिलिस्म होशरुबा' फारसी का एक वृहत् योग्या है जिसके रचयिता अकबर के दरबारवाले फैजी कहे जाते है, नोटलॉ कि हमे यह मानने मे सन्देह है । इस पोथे का उर्दू मे भी अनुवाद दृश्य गया है । कम-से-कम २०,००० पृष्ठो की पुस्तक होगी । स्व० बाबू कामकीनन्दन खत्री ने 'चन्द्रकान्ता' और 'चन्द्रकान्ता-सतति' का बीजाकुर नलिस्म होशरुबा' से ही लिया होगा,ऐसा अनुमान होता है ।

वर ससार-साहित्य मे कुछ ऐसी कथाएँ है, जिन पर हजारों बरसो से अाखकगण आख्यायिकाएँ लिखते आये है और शायद हजारों वर्षों तक दिलखते जायेंगे। हमारी पौराणिक कथाओ पर न जाने कितने नाटक और कितनी कथाएँ रची गयी है। यूरोप मे भी यूनान की पौराणिक गाथा कवि-कल्पना के लिए अशेष आधार है । 'दो भाइयो की कथा', जिसका पता पहले मिस्र देश के तीन हजार वर्ष पुराने लेखों से मिला था, फ्रान्स से भारतवर्ष तक की एक दर्जन से अधिक प्रसिद्ध भाषाओं के साहित्य मे समाविष्ट हो गयी है। यहाँ तक कि बाइबिल मे उस कथा की एक घटना ज्यो की त्यो मिलती है।

किन्तु यह समझना भूल होगी कि लेखकगण आलस्य या कल्पना- शक्ति के अभाव के कारण प्राचीन कथाओ का उपयोग करते है। बात यह है कि नये कथानक मे वह रस, वह आकर्षण नहीं होता जो पुराने कथानकों मे पाया जाता है। हॉ, उनका कलेवर नवीन होना चाहिए।