अध्याय ६५ गाइलसों जैसा कैथलिक मतानुयायी लेखक भी साहित्य पर धार्मिकता के प्रभाव की मीमांसा करता हुआ, या ऐबे ब्रेमों अपने विशाल Literary History of the Religious Sentiment in France में प्रकृतवाद की उपेक्षा करते हैं । अपेक्षाकृत अधिक सीमित परिधि वाले लुई कजामियों ने तो साहित्यिक विवेचनों में अंगरेजी साहित्य के इतिहास के मनोवैज्ञानिक विकास की एक कल्पित योजना निर्मित करन का भी प्रयत्न किया है, जिसमें यह प्रमाणित किया गया है कि अँगरेजों की मानसिक चेतना भावना और बुद्धि के ध्रुवांतों के बीच क्रमशः तीव्रतर होता जानेवाला दोलन है । यह योजना अपने इस निर्दिष्ट व्यवहुत रूप में कहाँ तक सफल है, विवाद हो सकता है साहित्यिक परिवर्तनों की जटिल वास्तविकता का इससे कहाँ तक समाधान होता है, यह अवश्य ही विचारणीय है। फिर भी अस्वीकार नहीं किया जा सकता कि यह योजना साहित्य के लिए व्यवहृत इतिहास के प्रायः तात्त्विक दर्शन को प्रस्तुत कर देने का प्रयास था । साहित्य के इन इतिहासकारों के अतिरिक्त पाल वान टाइगेम' ने 'सामान्य' साहित्य' का ऐसा विभावन भी उद्भावित किया है जो तुलनावादियों के द्वारा प्रयुक्त प्रभावों के पृथक्कृत और पृथक्कारी अध्ययन के नितांत प्रतिकूल है, और जो पाश्चात्य यूरोपीय साहि- त्यिक परम्परा की अन्विति मान लेता है । जहाँ तक इस विद्वान् के सिद्धांत के स्वतः व्यवहृत रूप का प्रश्न है, वह बहुत निराशाजनक और एक है, क्योंकि वह साहित्यिक प्रचलनों को समस्त यूरोपीय देशों में निरूपित मात्र कर संतोष कर लेता है । फ्रेंच विद्वानों के अपेक्षाकृत अधिक विश्लेषणात्मक विवेचनों में भी दृष्टिकोण के आमूल परिवर्तन का अभाव ही है । 'Explication de txtes' की प्रणाली अत्यधिक भाषा- विज्ञानमूलक और निरुक्तशास्त्रीय है और इस कारण वह साहित्यिक अध्ययन की एक उपयोगी पद्धति भर ही मानी जा सकती है। फिर भी यह उल्लेखनीय है कि अधुनातन साहित्यिक विवेचनों में पाठ की ओर लौट चलने का जो स्पृहणीय आंदोलन शुरू हुआ था, उसका प्रारंभ इसी प्रणाली में पाया जाता है । टिप्पणियाँ १ उदाहरणार्थ, Abel Le Franc का Rabelais; Pierre Villey का Montaigne के Bssais का संस्करण; Daniel Mornet का Ronsseau के Nouvelle Heloise का संस्कारण । २। तीन भाग, पेरिस, १९३४ ॥ ३। Les idees et les lettres, पेरिस, १९३२ । ४ L'Histoire du Sentiment religious en Frances, पेरिस, १९२३-३३ फेब में ग्यारह भागों में, अंगरेजी में उल्लिखित आंशिक अनुवाद तीन भागों में, न्यूयार्क १९२८-३६ । ५। ' Evolution Psychologique de la littérature en Angleterre, पेरिस १६२०; E Legouis तथा I. Cazamian, Histoire de la littérature anglaise का उत्तरार्ध, पेरिस, १९२४; H. D. Irvine का दो भागों में अंगरेजी अनुवाद, लंदन, ११२६-७ । ६। “La synthèse en histoire littéraire: Littérature comparée et littérature génér- ale" शीर्षक निबंध Revue de synthese historique, XXXI, ११२१, में; be Préromantisme, पेरिस, १९२४-३०, ( दो भाग) |
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