पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/७५

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६२ साहित्य का इतिहास-दर्शन नात्सियों के द्वारा साहित्यिक इतिहास का जो पुनर्मूल्यांकन हुआ उसकी विशेषताओं का विस्तृत विवेचन अनावश्यक है । यहूदियों की उपेक्षा और अवमानना, अतीत में नात्सी सिद्धांतों के पूर्वाभास पर जोर देना, ग्येने जैसे असुविधाजनक किंतु अनुपेक्षणीय व्यक्तित्वों को अपनी योजना में सन्निविष्ट करने के लिए द्रविड़ - प्राणायाम करना, इत्यादि, नात्सी साहित्यिक इतिहास की ऐसी प्रवृत्तियाँ हैं जिनसे साधारणतः सभी परिचित ही है । साहित्यिक इतिहास के क्षेत्र में जर्मनी के वैदुष्य का धरातल १६३३ ई० के बाद तेजी से गिरता चला गया । वहाँ के अधिकांश शास्त्रीय ग्रंथों में भी तथ्य -रहित प्रचार, जातीय रहस्यवाद और रूमानी आत्म- श्लाघा की खिचड़ी भर ही पाई जा सकती है । और फिर भी, साहित्य के इतिहास-दर्शन के क्षेत्र में जर्मन विद्वानों की, संपूर्ण उप- लब्धि पर विचार करने के बाद, यह स्वीकार करना पड़ता है कि जर्मनी में वादों और प्रणा- लियों की आश्चर्यजनक विविधता थी । हम उसकी तुलना उस प्रयोगशाला से कर सकते हैं जिसमें निर्दिष्ट दार्शनिक समस्याओं के संबंध में सभी जागरूक थे और साहित्यिक वैदुष्य के बारे में विश्वास और स्वाभिमान से पूर्ण । टिप्पणियाँ १। Shakespeare und der deutsc he Geist, वलिन, १९११; Goethe, बलिन, १९१६; George, बर्लिन, १९२०; Heinrich von Kleist, बलिन, १६२२ । २। Nietache, Versuch einer Mythologic, बलिन, १९२० । ३। 'Idealistic' 1 ४। Frankreichs Kultur im Spiegel seiner Sprachentwicklung, हाइडेलबर्ग, १९१३; Positivismus und Idealismus in der Sprachenwissenschaft, हाइडेलब, १६०४ । ५। Stilstudien, मुंशेन, १९२८, (दो भाग); Rominische stil-und Literatur- stuctien, मारबुर्ग, १९३१ ( दो भाग ) । ६। Kunstgeschichtliche Grundbregriffe, मुंशेन, १६१५; Principles of Art History (एम्० डी० हागर द्वारा अनूदित ), लंदन, १९३२ । ७। Wechselseitige Erhellung der Künste, बर्लिन, १९१७; Gehalt and Gestalt im Kunstwerk_des Dichters, बर्लिन, १९२३; Das Wortkunstwerk, लाइपजिंग, १९२६ । ५ । Deutche Klassik und Romantik, oder Vollendung und Unendlichkeit, मुंशेन, १९२२ । 2। Geschichte der deutschen Ode, मुंशेन, १९२३ । १०। Geschichte der dutschen Leides, मुंशेन, १९२५ । ११। Das Bild in der Dichtung, मारबुर्ग १९२७-३४, (दो भाग ) । १२। Gessame:te Schriften, वलिन, १९२३ - ३६ (बारह भाग ) । १३ । Idee and Gestalt, बर्लिन, १९२१; Frciheit und Form, बर्लिन, १६२२ । १४ । Hamann und die deutsche Aufklaring, Hall, १६११, (दो भाग ) । १५ । Paideia: Die Formung des greichischen Menschen, बर्लिन, १९३४ ( प्रथम