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हिंदी भाषा और उसका साहित्य


'हिन्द' शब्द फारसी भाषा का है। वह हिन्दुओं के देश ही का बोधक है। जान पड़ता है 'हिन्द' ही से अंगरेज़ी'इंडिया' शब्द की उत्पत्ति हुई है। फ़ारसी शब्द 'हिन्द' बहुत पुराना है। उसका प्रचार, इस देश में मुसलमानों के द्वारा हुआ। सम्भव है, इस देश के निवासी हिन्दुओं ही के नामानु-कूल फ़ारसवालों ने 'हिन्द' शब्द की उत्पत्ति की हो। संस्कृत के व्याकरण के अनुसार 'हिन्दी' शब्द की उत्पत्ति का विचार करने में पहले 'हिन्दू' शब्द को सिद्ध करना पड़ेगा, क्योंकि हिन्दुओं ही की भाषा का नाम 'हिन्दी' है। संस्कृत में एक धातु 'हिसि' है । उसका अर्थ 'हिंसा करना' है। इस 'हिसि' धातु से कतार्थक प्रत्यय करने से 'हिन्न' और 'हिंसक' आदि शब्द सिद्ध होते हैं । इन शब्दों में 'खण्डन' और 'परिताप' अर्थ के बोधक 'दो' और 'दूड़् ' धातुओं के योग से क्रमशः'हिन्दु' और 'हिन्दू' शब्द सिद्ध होते हैं । अतएव 'हिन्दू' शब्द का धात्वर्थ 'हिंसा करनेवालों को खण्डन करने अथवा सन्ताप पहुंचाने वाला' हुआ । यह उपपत्ति इस देश के सब मतवालों के अनुकूल जान पड़ती है। वेदान्त आदि षड्दर्शन तथा वैदिक, बौद्ध और जैन सिद्धान्तों के अनुयायी, सभी, व्यर्थ हिंसा न करना अपने मत का एक प्रधान अङ्ग मानते हैं । अतएव हिंसा करनेवालों से प्रतिकूलता करना उनके लिए स्वाभाविक ही है। 'हिन्दू' शब्द का प्रयोग संस्कृत के प्राचीन ग्रन्थों में भी मिलता है। एक स्थल में तो उसका अर्थ भी लिखा है। देखिए--