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पठानी सिक्का पर नागरी

(३)

चाँदी—ताँबा। ४५ ग्रेन। पेशावर टकसाल।

ऊपर—बैल।

..... द सामे।

पृष्ठ—अश्वारोही। स्त्री हंमोरः

भाले के पास नीचे से ऊपर को पढ़ने से फ़ारसी में "परशोर" (पेशावर) देख पड़ता है।

(४)

चाँदी—ताँबा। ४६ ग्रेन। ग्वालियर टकसाल।

ऊपर—महमद सामि

पृष्ठ—अश्वारोही।

बैल, अश्वारोही और 'हंमीर'।

राजा लोग बैल और अश्वारोही अपने सिक्कों पर देते थे। "हमीर," "अमीर" शब्द के लिए है। जब मुहम्मद बिन साम ने कन्नौज लिया तब वहां के स्वर्ण सिक्कों पर भी उसने एक ओर कनौज का राजचिह्न "लक्ष्मी" रहने दिया और दूसरी ओर जहां राजों के नाम छपते थे—

श्री महमद बेने साम
अथवा
श्री हमीर महमद साम

छापा। अर्थात उसने नये सिक्के न चला कर पुराने ही ढांचे के सिक्के अपने नाम देकर जारी किये।