शाम नामक मासिक पत्रिका अनेक उत्तम विषयों से अर्थात् इतिहास, परिहाम, पन्यास, जीवनचरित्र, काव्य, कोष, नाटक, रूपक, वैद्यक, नीति, धर्मशास्त्र, ान, विज्ञान, नियुद्ध, शिल्प आदि से पूरित होकर प्रतिमास की, शुक्ला दशमी तो छपती है इस में सब से बढ़कर उत्तमता तो यह है कि जिस विषय में हाथ ऽगाया जाता है उसे पूरा कर के तब दूसरे विषय को लिखा जाता है और वह वेषय सालभर के अन्दर में पूरा कर दिया जाता है, प्रतिमास दस फार्म अर्थात् ८० पेज छपती है जिन्हें इस के ग्राहक बनने की इच्छा होवे मुझे लिखें । वा- र्षक मूल्य डाकव्यय समेत ६।४) है। झाह्मण। अनेकानेक उत्तमोत्तम गद्य तथा पद्य लेखों से विभूषित । मासिक पत्र । - हिन्दुस्तान और इंलिस्तान के जितने हिन्दी रासिक सहृदय हैं तथा हिन्दी के जितने उत्तम पत्र हैं सब इस की उत्तमता पर शाक्षी हैं आठ वर्ष से यह पत्र मनो विनोद एवं सदुपदेश पूर्ण विषयों के द्वारा देश के मंगल साधन में तत्पर है इस के सम्पादक पंडित प्रताप नारायण मिश्र की लेख शक्ति की प्रशंसा श्री मान् गोलोक बिहारी भारतेन्दु भारतभूषण बाबू हरिश्चन्द्र महोदय की लेखनी ने स्वयं लिखी है तथा कई एक सुप्रसिद्ध साप्ताहिक एवं मासिकपत्रों ने बारम्बार प्रकाशित किया है कि 'भारतेन्दु जी के उपरान्त उन के लेखों का सा आनन्द यदि कहीं मिलता है तो पंडित ही जी के लेखों में मिलता है' हमारे कहने को न मानिए तो भारत अथवा इंग्लैंड में जिन्हें आप हिन्दी का सुलेखक सत्कवि वा रसज्ञ समझते हों उन से पूछ देखिए वा किसी नम्बर का कोई आर्टिकिल पढ़ के स्वयं न्याय कर लीजिये तो आशा नहीं विश्वास है कि इसे अपने ढंग में अद्वि- तीय ही पत्र पाइएगा इस वर्ष से कईएक और भी सुप्रसिद्ध विद्वानों ने इम में लिखना आरम्भ किया है अतः अब सोने में सुगन्धि हो गई है और डाकव्यय समेत बार्षिक मूल्य केवल १ रु० है यदि इतने पर भी ग्राहक न हूजिए तो अंधेर है हिन्दी भाषा हिन्दू जाति और हिन्दुस्तान का अभाग्य है और क्या कहा जाय मिलने का पता । मैनेजर "खड्गविलास" प्रेस-बांकीपुर।
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