पृष्ठ:साम्राज्यवाद, पूंजीवाद की चरम अवस्था.djvu/९६

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इस प्रकार बिजली-उद्योग की दो "महान शक्तियों" का निर्माण हुआ: हेईनिंग ने अपने लेख "बिजली ट्रस्ट का मार्ग" में लिखा था कि "संसार में इनके अलावा कोई बिजली की कम्पनियां ऐसी नहीं हैं जो इनसे पूर्णतः स्वतंत्र हों।" निम्नलिखित आंकड़ों से इन दो "ट्रस्टों" के कारोबार के उत्पादन तथा उनके आकार का अंदाज़ा लग सकता है, हालांकि यह अंदाज़ा अधूरा ही होगा:

साल आमदनी-रफ़्तनी
(लाख मार्कों में)
कर्मचारियों की संख्या शुद्ध मुनाफ़ा
(लाख मार्कों में)
अमरीका : जेनरल एलेक्ट्रिक कं॰ (जी॰ ई॰ सी॰) १९०७
१९१०
२,५२०
२,९८०
२८,०००
३२,०००
३५४
४५६
जर्मनी : जेनरल एलेक्ट्रिक कं॰ (ए॰ ई॰ जी॰) १९०७
१९११
२,१६०
३,६२०
३०,७००
६०,८००
१४५
२१७

तो, १९०७ में जर्मन तथा अमरीकी ट्रस्टों ने आपस में एक समझौता किया जिसके द्वारा उन्होंने दुनिया को अपने बीच बांट लिया। उनके बीच प्रतियोगिता समाप्त हो गयी। अमरीकी जेनरल एलेक्ट्रिक कम्पनी (जी॰ ई॰ सी॰) को संयुक्त राज्य अमरीका तथा कनाडा "मिले"। जर्मन जेनरल एलेक्ट्रिक कम्पनी (ए॰ ई॰ जी॰) को जर्मनी, आस्ट्रिया, रूस, हालैंड, डेनमार्क, स्विट्ज़रलैंड, तुर्की तथा बालकन देश "मिले"। इस संबंध में भी खास समझौते हुए, जो स्वाभाविक रूप से गुप्त थे, कि उद्योग की नयी शाखाओं में तथा उन "नये" देशों में जिनका बंटवारा अभी तक बाक़ायदा

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