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वर्ष शाखाओं और दफ़्तरों की संख्या पूंजी, लाख फ़्रांकों में
प्रांतों में पेरिस में कुल अपनी पूंजी उधार ली हुई पूंजी
१८७० ४७ १७ ६४ २,००० ४,२७०
१८९० १९२ ६६ २५८ २,६५० १२,४५०
१९०९ १,०३३ १९६ १,२२९ ८,८७० ४३,६३०

एक बड़े आधुनिक बैंक के "संबंधों" को बताने के लिए रीसेर ने «Disconto-Gesellschaft» नामक बैंक से भेजे जानेवाले और वहां आनेवाले पत्रों की संख्या के बारे में निम्नलिखित आंकड़े दिये हैं; यह बैंक जर्मनी के और दुनिया के सबसे बड़े बैंकों में से एक है (१९१४ में इसकी पूंजी ३०,००,००,००० मार्क थी):

पत्र आये पत्र भेजे गये
१८५२ …… ६,१३५ ६,२९२
१८७० …… ८५,८०० ८७,५१३
१९०० …… ५,३३,१०२ ६,२६,०४३

पेरिस के «Crédit Lyonnais» नामक बड़े बैंक में १८७५ में २८,५३५ लोगों के खाते खुले हुए थे, १९१२ में यह संख्या बढ़कर ६,३३,५३९ हो गयी।[१]

ये सीधे-सादे आंकड़े शायद लम्बी-चौड़ी व्याख्याओं की अपेक्षा ज़्यादा अच्छे ढंग से यह प्रकट कर देते हैं कि पूंजी का संकेंद्रण तथा बैंकों के

 

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  1. Jean Lescure, «L'épargne en Frances» (फ़्रांस में बचत–अनु०), Paris, 1914, पृष्ठ ५२।