पृष्ठ:साम्राज्यवाद, पूंजीवाद की चरम अवस्था.djvu/२९

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किये जाते हैं । यहीं पर आविष्कारों को पक्का भी किया जाता है।"*[]"दूसरे ट्रस्ट भी तथाकथित developping engineers (उन्नति करनेवाले इंजीनियरों) को नौकर रखते हैं, जिनका काम ही यह होता है कि वे उत्पादन के नये-नये उपायों को निकालें और प्राविधिक सुधारों की जांच करें। यूनाइटेड स्टेट्स स्टील कार्पोरेशन उन मज़दूरों और इंजीनियरों को जो प्राविधिक कार्यक्षमता वाला या उत्पादन की लागत को कम करनेवाला आविष्कार करते हैं, बड़े-बड़े बोनस देता है।"**[]

जर्मनी के बड़े पैमाने के उद्योगों में, उदाहरण के लिए ,रसायन उद्योग में जो कि पिछली कुछ दशाब्दियों में इतना अधिक उन्नत हो गया है , प्राविधिक सुधारों को बढ़ावा देने का काम इसी तरह से संगठित किया जाता है। उत्पादन के संकेंद्रण की प्रक्रिया के कारण १६०८ तक जर्मनी में दो मुख्य “गुट" बन गये थे जो कि एक तरह से इजारेदारियां ही थीं। पहले वे दो जोड़ बड़ी फैक्टरियों के बीच "दोहरे गठजोड़े" के रूप में थे ; उनमें से हरेक के पास दो करोड़ से दो करोड़ दस लाख मार्क तक की पूंजी थी। इनमें से एक तरफ़ तो हौखस्ट स्थित पुरानी माइस्टर फ़ैक्टरी और फ्रैंकफ़र्ट आम मेन स्थित कैसेला फैक्टरी थी, और दूसरी ओर, लुडविगशैफ़ेन स्थित सोडा और रंगों की फ़ैक्टरी तथा एल्बरफ़ेल्ड स्थित पुरानी बायर फैक्टरी थी। १६०५ में इनमें से एक गुट ने , और फिर १६०८ में दूसरे ने , अलग-अलग एक


  1. * Report of the Commissioner of Corporations on the Tobacco Industry (तम्बाकू के उद्योग पर कार्पोरेशनों के कमिश्नर की रिपोर्ट), Washington 1909, पृष्ठ २६६ , जिसका हवाला डा० पाल टाफ़ेल ने अपनी पुस्तक «Die nordamerikanischen Trusts und ihre Wirkungen auf den Fort- schritt der Technik» (उत्तरी अमरीका के ट्रस्ट और प्राविधिक प्रगति पर उनका प्रभाव - अनु०), Stuttgart 1913, पृष्ठ ४८ में दिया है।
  2. **डा० पाल टाफ़ेल , उपरोक्त पुस्तक , पृष्ठ ४६।

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