मंझोले और यहां तक कि कुछ बड़े "मालिक" भी, वास्तव में कुछ सौ करोड़पति महाजनों के पूरी तरह से आधीन रहते हैं।
आधुनिक पूंजीवाद के दूसरे उन्नत देश संयुक्त राज्य अमरीका में, उत्पादन के संकेंद्रण की वृद्धि और भी ज्यादा है। यहां के आंकड़ों में उद्योगों को उनके संकुचित रूप में लिया गया है और कारखानों का वर्गीकरण उनकी सालाना पैदावार के मूल्य के हिसाब से किया गया है। १९०४ में दस लाख डालर और उससे ज्यादा सालाना पैदावार वाले बड़े-बड़े कारखानों की संख्या (कुल २,१६,१८० में से) १,९०० (अर्थात् ०.९ फ़ीसदी) थी। उनमें (कुल ५५,००,००० में से) १४,००,००० (यानी २५.६ फ़ीसदी) मजदूर काम करते थे और उनकी पैदावार का मूल्य (कुल १४,८०,००,००,००० डालर में से) ५,६०,००,००,००० डालर (यानी ३८ फ़ीसदी) था। पांच साल बाद, १९०९ में यही आंकड़े इस प्रकार थे : (कुल २,६८,४६१ में से) ३,०६० (यानी १.१ फ़ीसदी) कारखानों में (कुल ६६,००,००० मजदूरों में से) २०,००,००० (यानी ३०.५ फ़ीसदी) मजदूर काम पर लगे हुए थे और पैदावार का मूल्य (कुल २०,७०,००,००,००० डालर की पैदावार में से) ६,००,००,००,००० डालर (यानी ४३.८ फ़ीसदी) था।*[१]
देश के तमाम कारखानों की कुल पैदावार का करीब-करीब आधा भाग. उन कारखानों के सौवें हिस्से में होता था! इन ३,००० विशालकाय कारखानों में उद्योगों की २५८ शाखाएं शामिल हैं। इससे यह बात देखी जा सकती है कि संकेंद्रण स्वयं, अपने विकास की एक मंजिल में पहुंचकर सीधे इजारेदारी तक पहुंच जाता है, क्योंकि बीस-पच्चीस विशालकाय कारखाने आसानी से आपस में समझौता कर सकते हैं और दूसरी ओर, प्रतियोगिता की कठिनाइयां और इजारेदारी की तरफ़ झुकाव कारखानों
- ↑ * Statistical Abstract of the United States, 1912, p. 202.
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