ने यह अनुमान लगाया है कि अर्जेन्टाइना में ब्रिटेन की ८,७५,००,००,००० फ्रांक की पूंजी लगी हुई है। यह कल्पना करना कठिन नहीं है कि इसके फलस्वरूप अर्जेन्टाइना के पूंजीपति वर्ग के साथ, उन क्षेत्रों के साथ जिनका उस देश के पूरे आर्थिक तथा राजनीतिक जीवन पर नियंत्रण है , ब्रिटेन की वित्तीय पूंजी (और उसकी वफ़ादार मित्र, कूटनीति ) कितने दृढ़ संबंध स्थापित कर लेती है।
राजनीतिक स्वतंत्रता के साथ वित्तीय तथा कूटनीतिक परावलम्बन का इससे कुछ ही भिन्न रूप पुर्तगाल के उदाहरण में देखने को मिलता है। पुर्तगाल एक स्वतंत्र प्रभुसत्तात्मक राज्य है, पर वास्तव में, दो सौ वर्षों से अधिक से, स्पेनी उत्तराधिकार युद्ध (१७०१-१४) के बाद से, वह ब्रिटेन का संरक्षित राज्य रहा है। ग्रेट ब्रिटेन ने पुर्तगाल तथा उसके उपनिवेशों का संरक्षण अपने प्रतिद्वंद्वियों स्पेन तथा फ्रांस के विरुद्ध लड़ाई में स्वयं अपनी स्थिति को सुदृढ़ बनाने के लिए किया है। इसके बदले में ग्रेट ब्रिटेन को वाणिज्यिक विशेषाधिकार प्राप्त हुए हैं, चीज़ों का आयात करने के सम्बन्ध में, विशेष रूप से पुर्तगाल तथा पुर्तगाली उपनिवेशों में पूंजी के आयात के संबंध में, दूसरों की अपेक्षा अधिक सुविधाजनक परिस्थितियां, पुर्तगाल के बंदरगाहों तथा द्वीपों, उसकी तार की लाइनों को इस्तेमाल करने का अधिकार, आदि मिले हैं।*[१] बड़े तथा छोटे राज्यों के बीच इस प्रकार के संबंध हमेशा से कायम रहे हैं, परन्तु पूंजीवादी साम्राज्यवाद के युग में वे एक आम पद्धति का रूप धारण कर लेते हैं, वे "दुनिया के बांटों" वाले संबंधों के कुल योग का एक अंग बन जाते हैं, वे विश्व वित्तीय पूंजी की गतिविधियों की शृंखला की विभिन्न कड़ियां बन जाते हैं।
- ↑ *शिल्दर, पहले उद्धृत की गयी पुस्तक , खंड १, पृष्ठ १६०-१६१ ।
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