पृष्ठ:साम्राज्यवाद, पूंजीवाद की चरम अवस्था.djvu/११०

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

दाल-रोटी का सवाल है। यदि आप गृहयुद्ध से बचना चाहते हैं तो आपको साम्राज्यवादी बनना पड़ेगा।"*[१]

यह बात सेसील रोड्स ने १८९५ में कही थी, उस व्यक्ति ने जो करोड़पति था, जो वित्त-सम्राट था, जिसके कंधों पर अंग्रेज़-बोएर युद्ध की ज़िम्मेदारी सबसे अधिक थी। यह तो सही है कि जिस ढंग से उन्होंने साम्राज्यवाद की हिमायत की है वह बहुत ही भोंडा और बेहया तरीक़ा है, परन्तु सारतः वह उस “सिद्धांत" से भिन्न नहीं है जिसका प्रचार मास्लोव , ज्यूदेकुम , पोत्रेसोव , डेविड तथा रूसी मार्क्सवाद के संस्थापक तथा अन्य सज्जन करते हैं। सेसील रोड्स कुछ ज्यादा ईमानदार सामाजिक-अंधराष्ट्रवादी थे...

दुनिया का क्षेत्रीय विभाजन जिस ढंग से हुआ है, और इस संबंध में पिछले कुछ दशकों में जो परिवर्तन हुए हैं , उनका यथासंभव सही- सही चित्र प्रस्तुत करने के लिए हम उस तथ्य-सामग्री का उपयोग करेंगे जो सुपान ने दुनिया की सभी ताक़तों के औपनिवेशिक प्रदेशों के बारे में अपनी उस पुस्तक में दी है जिसका उद्धरण ऊपर दिया जा चुका है। सुपान ने १८७६ और १९०० के वर्षों को लिया है। हम १८७६ और १९१४ के वर्षों को लेंगे और १९१४ के लिए सुपान के आंकड़ों के बजाय हूबनर की “भौगोलिक तथा सांख्यिकीय तालिकाएं" में दिये गये ज्यादा हाल के आंकड़ों को उद्धृत करेंगे ; १८७६ का वर्ष बहुत ठीक चुना गया है क्योंकि उसी समय पर पहुंचकर हम कह सकते हैं कि पश्चिमी यूरोपीय पूंजीवाद के विकास की इजारेदारी से पहलेवाली मंज़िल मुख्यतः पूरी हो चुकी थी। सुपान ने केवल उपनिवेशों के आंकड़े दिये हैं ; दुनिया के बंटवारे का अधिक पूर्ण चित्र प्रस्तुत करने के लिए हम इसे उपयोगी समझते हैं कि हम गैर-औपनिवेशिक तथा अर्द्ध-


  1. *उपरोक्त , पृष्ठ ३०४ ।

११०