पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/६५४

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संख्या ६] लेपलिन। तेरी, प्यारी सिकारी । इरती है माता सारी ने बड़ी सहायता दी है। पालन के द्वारा जर्मनी तेरा मन्द मन्द मुसकामा 1 भादू मता मम माना । मे यही प्रचार कृत्य कर विस्थाये। ससने निर्दयता की हद कर दी है। पिटिश पार प तू गस सोपी का मोती । विखी कान्ति दिपोती । सरकार पब इसका मुंहतोड़ उत्तर दे रही है। हीरा स स पाखामा सय का मामा । उन्होंने भी बड़े बड़े यिकट भ्योमयानों के बेटे तैयार दलियामास सरकारमा सरत मपुर का। करके जर्मनी को नाकों दम करना प्रारम्म कर दिया नरिमनासमिसकारास सरकारी सम्पर पत॥ है। और नेपलिम की बा सुनिए । प्पारे सची कमासपा या मोक्षा फला। जेपलिन एक प्रकार का प्राकाशचारी बहाल दूरस साँचे में रखा । मिले नही सकती है। वायु में हमे पाठे एक दूसरे प्रकार के यिमाम स पखने में पड़ा । मोपड़ा अनूठा मया । मी है, जिन्हें "पेरेप्लेन" कहते है। ऐरोशिप की प्स पथ पर राम तामा प्रस्तावित पीपा पता ॥ श्रेणी के एक प्रकार के घायु-याम को ही ज़ेपळिम कहते हैं। इसे मर्ममी के एक प्रसिद्ध यिशामवेचा पारे सभी पाती । जिसकी मिया बस गाती । अपलिन मे बनाया है। इस भायिप्कार के लिए इस दूरस पड़ी जाति का | निसका भी बड़ी सड़ीवन विज्ञामत्ता को कैट की उपाधि मिली है। इस । ग्स इस बाण । सिसने जग में निवारणका न म पारस को कर । रिसे ए दुपा गहा कहन लिए यह कौर नेपालम कहा जाता है। पेरोप्लेन का यायु में ठहराने के लिए मदी रोजी मातिसम्म भाभी का पक्ष । प्यारे है वेरा मुख मत। से चलाने की प्राषश्यकता पाती है। उसमें एक माजी मोष माती । वही मुमतम्तीमा तेज एंजिन हर समय घसता रहना चाहिए । की विपासासाबाली रे मुख की मतपासी सपंजिन की तेज चाळ इसे पायु में पृथ्वी से पाती बरी भूगी। मुण्डबिरेवडीसीसी । बहुत अधिक ऊँचाई पर ठहराये रखती है और भयोप्यासिहपाप्पाव रिने महीं देवी। ऐरोशिप या अपल्टिन गुबारे की तरह होता है। ज़ेपलिन । गुयारा पायु में पयों कॅधा खाता है। इसलिए कि उसमें ऐसी गैस भरले ओ यायु से हलकी होती SAGAR दि हम युय की समीमा ध्यान से है। विधान का नियम है कि इलका पदार्य सय te करें तो पता लगेगा कि इस मारी पदार्थ के रूपर चला जाता है। यान में पानी युर में मर्मनो को यदि कुछ से यातु बहुत भारी होती है। इसलिए यदि हम MARS सफरता हुई तो कैपळ लोहे का एक टुकड़ा पानी में भले ही यह फोरम विसाम द्वारा । जर्मनी के इस जायगा, किन्तु यदि हम उसी लोई के टुकड़े निवासी विज्ञान में दस है। इस कारण, सारे सैधार की महीन पदर पीट कर माष या जहाज पना लें के विरोधी बनने पर भी, इतने दिनो तक ये रणक्षेष हो यह पानी पर तैरती रहेगी, क्योंकि लोहे की में ठहर सके हैं। घर का प्रायवन चढ़ आने से यह इतमे पानी को इस युस में मर्मनी को सेपलिन और सम्मेरीन हटा देती है कि इटा हुमा पानी उस घासु के