पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/५०६

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संस्पा ५] भारतीय शासन प्रणाली। १०. धीरे धीरे उपसि होनी चाहिए कि चुनाव की प्रथा ऊपर लिखी हुई संस्थानों की उत्पत्ति के पूर्व सारे देश में प्रचलित नाय । लाई रिपन की एप्ला ये सय काम सरकार करती थी। अब सरकार फेयल थी कि सरकारी अफसर याहर से इस संस्थानों निरीक्षण करती है और समय समय पर धन से का निरीक्षण करें, परन्तु इनमें हस्तक्षेप न करें। सहायता करती रहती है। इन सप फी सदन- इसी सिमान्त के अनुसार म्युनिसिपल पार रिस्टिफ शैली में पड़ा भेद है। डिस्ट्रिक पोई में म्यूनिसिपल पा के अधिकार धीरे धीरे पदाये जा रहे है- पोर्ड की अपेक्षा सरकारी हस्तक्षेप अधिक पीर प्रमा पिशेष फर म्युनिसिपल पोर्स कं, जिम में शिक्षित द्वारा प्रदम्य फम है। रिस्ट्रिफ, पोर्स में सब जगह समासयो की संम्या सिस्टिक पोई की अपेक्षा अधिक फलेकर दी समापति देते हैं। उनके मन्त्री भी रहती है। टेप्युटी कलेपर प्रादि अधिकारी होते है। कहीं कहीं किसी रिसीमान्त में तदसीमों में भी इस प्रफार तहसीलदार इत्यादि सरकार की ओर से सेटरी की संस्थायें हैं। मदरास-प्रान्त में गधि के समूह के पद पर नियुक्त किये जाते है। म्यूनिसिपल या की पन्चायतें है. सो गाय का प्रयम्घ परती हैं। मैं अप कई जगह फलेकर समापति नदी है। उनके ___ कही काही कृमणे को भी इस प्रकार के थोड़े मन्धी भी सरकारी नौकर नहीं। पद्धत अधिकार दिये गये है। एसे कसयों को नोटी. ऊपर कदा सा पुका है कि म्यानेसिपल पार्ट फाट एरिया (Notified Aren) कहते है। शिक्षा-प्रचार, तन्दुरस्ती. सर्वसाधारण की नीयन जहाँ फोसी पायनिया ६ पहाँ भी एक प्रकार रक्षा पार पाराम का मण्ध करती है। शिक्षा-प्रचार की कमेटियां होती है, जिनको छायनी की कमेटियां के लिए स्कूल यास माते हैं। तम्गस्ती के लिए (Cantoninent Cornmittees) कहते हैं। उनका शीतला का टीका लगाया जाता है। मगरमाकहा- समापति छापनो का सबसे पड़ा फाजी अफसर कचरा उठया कर जला दिया जाता है। नालियो होता है पीर मम्मी यायनी का मजिस्ट्रेट । इन कमे- साफ राई जाती है। प्रतिदिन की अन्म पार टियों के समासदों में फोजी साकर, फांनी इजि- मृत्यु-संग्प्या का उलेप देता है। प्रजा के राम नियर पार पक छायनी-निपासी हिन्दुस्तानी, इतने के लिए माफी पर सालटने सगपाई जाती है पादमी होते हैं। पार पर येटे साफ पानी, मलों के मारा, लोगों को समुद्र के किनारे या उसके निकट जहाँ पादर पीने के लिए पहुंचाया जाता है। इससे स्वास्थ्य की यदा पर प्राध करने के लिए पोर्ट ट्रस्ट ( Port नि होती है। लोगों की जीयनरमा के अनेक Truts)६ऐसी समिनिया भारत में इस समय उपाय किये जापागल कुछ पर फरमार फलफना, पा.मदरास, कराची, रगून पार घर- साले जाते ६, क्योंकि उन फाटमे से गा की गोप में इनका समापति गवर्नमेन्ट पुनती है। पारादा होती है। मगर ये मान, जिनके गिरने नके सगामा म्यापारियों के प्रतिनिधि होते ६। से लोगों के दर जाने का परम पार मिनामी मर- इनमा पर्सय है कि जहाज के यात्रियों पर सामु. म्मत मकान के मालिक महोंगरया, गिरया दिपे दिक पाणिग्य की पस्तुमा को उतारने पार पहातो सात। पिना रोशनी केकी गादीपंधेरे में मदी पप गंगत मान्य करें। म मान्ध के लिए उन्होंने परमे पाती। मार्ग पर गादियों के परने के कुछ कर पाप सपा . जिस से उनका सर्च पम पमापे मात । इमी प्रकार मनुष्य के परता। जीपन की रक्षादिर भी निगम बनाये जाते।