पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/४८४

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वस्या ५] . लन्दन का युर्ज। २१५ पालक पञ्चम एत्य को रामसिंहासन मिला। में घुसते ही एक प्रजीम प्रकार की पदों पहन पुर उस समय यद ये-यम पार पाया था। इस कारण सन्तरी नजर पाते हैं। कहते हैं, यही पौ. कां उसका पार उसके माई स्पफ माफ या फा सेर- तादी हुए तब भी, यहाँ पदनो जाती थी। क्षक उसका धचा नियुक्त दुमा । घामा देकर ये यहाँ सबसे प्रमुत पार मनोरमक स्थान यह दामी कुमार इसी पुर्ज में कैद किये गये । कुछ दिनों है जहां पर तमाम शादी प्राभूषण रपये हुए हैं। पाद यहाँ इनकी हत्या सोते में की गई । सदनन्तर लोहे के कटघरे के भीतर चमचमाते दुप अमूल्य इनका संरक्षक, सूतीय रिमई नाम रख फर, रामा रम यहां संगृहीत है। राज्याभिषेक सथा अन्य पड़े पम गया । शाईजहाँ पार पाराशय कैपल मारत पड़े उत्सर्ज पर सम्राट तथा महारानी के गले पार ही में नहीं हुए । अपमे माइयों पार मतीनों को मार सिर फो शोभा पढ़ाने के लिए. घे निकाले जाते हैं। पर सिंहासन पर बैठने पाले मृपति इंगलैंड में मी भिन्न भिन्न मामूपण तथा शरखों के पास ही उनक हुए है। इन मृत कुमारी की सूमी दुई हशियां पटुत ऐतिहासिक पर्णन लिरो पुए रपये दं। म कपर वर्ग के याद एक सीढ़ी के नीये, १६४१ ईसवी में, हीरों से जहा पुमा पद मुगुट रगसाजी १९९१ गड़ी हुई पाई गई धों। उन्हें तत्कालीन राजा द्वितीय सियो में सम्राट पन्चम माफ सिर पर सपा चार्ल्स ने मासीय श्मशान-भूमि, पेस्ट मिनिस्टर मये, गया था । उसमें ३:०० दौरे तथा मोती त्यादि में राजामों की पंकि में गया दिया। बा है, ओ पज़न में सया सेर के फरीप है। मुझट मदारानो पलिजावेथ के समय तक यहाँ राजा के ऊपर ईमाई धर्म के मास का सूयक पापा स्लोग नियास किया करते थे । पर पलिसप्रेय को यह सादीय है। उसके मोचे एक पार भी मुत पड़ा स्थान पसन्द म था। क्योंकि यह पाळपन में, कई हीरा सदा एमाद, जो १९०८ सियों में ट्रान्सवाल- पपीता, यहीं पंद थी। राजा प्रथम अम्स पार लियासियो ने मदाराम पपई गाभेंट रिया था। इस मितीय चार्ल्स के सिर पर यहाँ राम मुकुट या हीरे का पज़न ३०९ : कंट। महारानी र मुलुट गया था। इसके याद इस स्थान से यहां के मरेशो से निकाल कर अलग गले में भी पहन सकसी। पा सम्बन्ध छट गया। परतो यह स्थान यहाँ के इसके पास ही एफ. पार भी दोरा. यान में मरेशों के प्रामपण एराने के काम पाता है। या संमार में सबसे भारी गिना मागा है । इसका यमन फरजी मिपादियों का पैरफ भी है। यही प्राचीन ५१६ कंरट है।इस मुकुट फेचा योग्राचि:- समय के ज़िरदपरतर इत्यादि भी रकगे हुए पटारा, तन्टयार, म्यायदर यार-सारी। पण्ड देने के कई प्रकार के प्राज़ार भी यता । इसके पास ही भारत के प्रनिस हीरे दिनर की इस पुर के समय, सुना जाता है, यहां पर कई नफनापारी पर लगाईगि पज्ञाप-विनय मनुमा फेा देश-नोद के अपराध में प्रालय भी उपरात या दीरामदारानी विशरिया को मेंट किया दिया गया है। गया था। सपा फोटेनर मदागनी मरी के पास मंगरंज-जाति उन्नतशालिनो पार समयानु- रहता है। यद उसकी टीक माल मोगो कदंगने फुल पटने पाही प्रयापद पर इन सागों के घर के लिए। में गुम फर देगने से पता लगता किये पुछ पदों पर एक गगद पदमट भी है जो राज्यानि पाती में पुपनी गकीर फे फीर भी हैं। पुरानो पेशंगण मेममय दिल्ली में गम्राट सिर पर तति को ये लोग मुझपर से सातारा ए फेदिर.मारत नसे. १९४ईमपी में,पना था।