पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/३३२

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सम्या हिन्दूविश्वषिपालय का शिळारोपणमहोत्सप। २०१ - - विषय। दोपहर को महोत्सव-मण्डप में महाम-पाश की पूर्णाहुति. (१) मोफसर दिगमबारम, मारतीय हपि का विकास । बस ठोत्सव समा मज्ञाणखा के पण्डितो की विदाई हुई। प्रयाग सीसरे पार, काग में, माई मनसिंह और सम्त ६ फरवरी । अमरसिंहकी प्रापपत्ता में ग्रम्प-साहब का पात तथा मान- जीप मासमीयत्री का मास्याममा। प्रातःकाल। सम्ध्या -समय। श्रीमान् रामामा मायापार- समापति। (1) मोफसर सीमा मिस्टर झापनिम्स, कमिभर, बनारस- सभापति । सी.ब।लडाम का विकास। १२) सार पी. सी. रम्य । " (१) माननीय पण्डित मदनमोहन मामणीय पापों से सन्ध्या -समय। सनुपरे। भीमान् महाराय नामा- समापति। भीमान् महारराजा दरम्का- समापति। म (1) भोमती कुमारी रुपमा हिम-विश्वविद्याखप में (१) मिस्टर के. एम. पेपर । म हिम्नविचपिपाडप में म्पापा- . 'माई अर, एम. ९. सी-शिपा। विचारप सजीत को पनि । (१) भीमती एमी हरामियालयसारिप्रसारमा (२) प्रोफेसर स्मय। (1) भीमान् गांधी इसके पश्चात् काशी-मिवासी पण्डित रामचन्द्र पोभा का बासकोपदेश परि-कीर्तन हुमा । अन्त में प्रोफेसर विपा दिगग्पर तथा ७ फरवरी। राम शिप्यो का मपुर गाम [भा । इस प्रकार महासप माताकास। सामम्द समाप्त हुमा। समा में समापति, पता और विपप की प्रधानता के भीमान् महाराममसिमवायर- समापति। (१) प्रोफसर रमप, याचा गणित-शास। अमुसार जन-समुदाय की मी दुपा करती थी । सपसे श्रीमान् महरा रंगरपुर- सभापति। प्रपिक मील श्रीमान् गांधी के पापान के दिन दुई थी, (1) पिरमेन्ट कर्मय और सरसे अधिक प्रसपता श्रीमान् मार-मरेश का फिरसावास का चमत्कार। प्पाम्पानोगो मेसुन म मर की पी । श्रीमान पक्षधर- . सम्भ्या -समय। परेरा की वापरता, मपर भापय तपा रिम्दी प्रेम को देव र हिन्दी सेवा तपा पेरा-मक्त मुग्प हो गये थे। मीमान् राम्भाना मानावाद- पर पायाने भार मसयों की भम भी दी, पर (१) भीमान् विराम गमनाप मेन, पापुर्वेद का मारा। हिम्कामेशमार मैदान में श्रीमान् महारामा कारमीर के श्रीमान् माारामा प्रबपर- समापति। किरके इसके साप प्रोमाम् महाराणा प्रमबर के दर (१) श्रीमान् पगित हरप्रसाद ज्ञानी मसत साहित्य । तपा पुष-मान्त कामों के चुने ए पाका किसे (२), पगित भीहप्प गरी भारतीय सम्पदा । मैको मे। बताता था। इससे मनोरम्बम ८ फ़रवरी। साप ही प्रेम सम्मेडन मी.च होता था। माताकाल। इस महोत्सव की गोमा श्रीमान् काशीनरेश के प्रातिप्य- श्रीमान् महाराम मामा- समापति। सरसर से पार पगई पी।सब रचित-मरेश -पर-सरित श्रीमान् काशीनरेश की पहुनाई से बहुत प्रसर रहे। पाम्की (1) मोसर परिसर शामिक विविधालय का मारा। को या मरस रपमा दिए कि शिवाज-भरम हमारे (२) मिस्र एस. एम. मेहता संसह-शिवा । विधामुरागी श्रीमान् काशीनरेश ही का मान है और भाई 1) मिस्री .. मरणारे मारतीय सीता विविवाविद्याबप-सम्बन्धी मबन बमंगेबाब (मीप समापति।